उत्तराखंड में जिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस को पद से हटाया, फौजी के बेटे के हुई थी तड़प-तड़प कर मौत; अन्य 7 के खिलाफ भी हुई कार्रवाई
punjabkesari.in Tuesday, Sep 23, 2025 - 09:10 AM (IST)

देहरादून: उत्तराखंड में बागेश्वर जिला चिकित्सालय में दो माह पहले कथित तौर पर समय से इलाज न मिल पाने के कारण फौजी के डेढ़ साल के बेटे की मौत के मामले में राज्य सरकार ने गंभीर लापरवाही के दोषी पाए गए तीन चिकित्सकों सहित आठ अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। मामले में जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट तथा आरोपी चिकित्सकों तथा अधिकारियों व कर्मचारियों को जारी कारण बताओ नोटिस के उत्तर पर विचार करने के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा यह कार्रवाई की गई है।
अधिकारियों के मुताबिक, बागेश्वर जिला चिकित्सालय के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. तपन शर्मा को असंवेदनशीलता, एंबुलेंस व्यवस्था सुनिश्चित न करने तथा प्रशासनिक अक्षमता के आरोप में तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया गया है तथा उन्हें स्वास्थ्य निदेशक कुमाऊं मंडल के साथ संबद्ध किया गया है। उन्होंने बताया कि ‘108 वाहन' चालक ईश्वर सिंह टोलिया एवं लक्ष्मण कुमार को असंवेदनशीलता तथा कर्तव्यों के प्रति उदासीनता बरतने के आरोप में एक माह तक कार्य से विरक्त रहने का आदेश दिया गया है। उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं ।
वहीं, बागेश्वर जिला चिकित्सालय के चिकित्साधिकारी डॉ. भूरेन्द्र घटियाल, नर्सिंग अधिकारी महेश कुमार और हिमानी एवं कक्ष सेवक सूरज सिंह कन्नाल को असंवेदनशीलता व उदासीनता बरतने के आरोप में कठोर चेतावनी जारी करते हुए उन्हें भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न करने की हिदायत दी गई है। इसके अलावा, बागेश्वर जिला चिकित्सालय में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.अंकित कुमार को बालक के प्रति सहानुभूति न दिखाने तथा उदासीनता के आरोप में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने का आदेश दिया गया है।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई की गई है । उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विभाग का स्पष्ट संदेश है कि हर अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी पूरी संवेदनशीलता के साथ निभाएं, अन्यथा कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
गौरतलब हो कि जुलाई माह के आखिर में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुमाऊं आयुक्त को मामले की तत्काल जांच के आदेश दिए थे और कहा था कि अगर प्रकरण में कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी । वीडियो में बच्चे के फौजी पिता ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे को एक के बाद एक कई अस्पतालों में रेफर किया गया और उसे ले जाने के लिए समय से एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं कराई गई। जिसके कारण उसे इलाज मिलने में देरी हुई और उसकी मौत हो गई ।