एम्स-ऋषिकेश के पूर्व निदेशक समेत चार के खिलाफ मामला दर्ज, जानिए क्या है पूरा मामला
punjabkesari.in Tuesday, Sep 30, 2025 - 08:09 AM (IST)

ऋषिकेशः उत्तराखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एम्स-ऋषिकेश के पूर्व निदेशक रविकांत और तीन अन्य लोगों के खिलाफ अग्रणी स्वास्थ्य संस्थान में कोरोनरी केयर यूनिट (सीसीयू) की स्थापना में कथित रूप से वित्तीय अनियमितताओं के लिए प्राथमिकी दर्ज की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 16 बेड वाली सीसीयू परियोजना के लिए निविदा दिसंबर 2017 में जारी की गई थी, लेकिन यह अब भी अधूरी है।
एसीबी सूत्रों ने बताया कि संस्थान के पूर्व निदेशक के अलावा, एम्स-ऋषिकेश में ‘रेडिएशन ऑन्कोलॉजी' के तत्कालीन एडिशनल प्रोफेसर राजेश पसरीचा और संस्थान के तत्कालीन स्टोर ‘कीपर-कम-क्लर्क' रूप सिंह के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि चौथी प्राथमिकी अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की गई है। सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों के खिलाफ तत्कालीन भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया, जिनमें 120वीं (आपराधिक षड्यंत्र), 201 (साक्ष्य मिटाना), 409 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति हासिल करने के लिए प्रेरित करना) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा सात (लोक सेवक द्वारा रिश्वत जैसे अनुचित लाभ लेना) शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि मामले की जांच में यह पाया गया कि पसरीचा, रूप सिंह और अन्य अज्ञात लोक सेवकों ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया, दिल्ली स्थित ठेकेदार-आपूर्तिकर्ता पुनीत शर्मा के साथ षड्यंत्र रचा और एम्स-ऋषिकेश को 2,73,29,355 रुपये का नुकसान पहुंचाया। एसीबी सूत्रों ने बताया कि आरोपियों ने इस प्रक्रिया में गलत तरीके से लाभ भी कमाया।
सूत्रों के मुताबिक, 26 सितंबर को दर्ज की गई ये प्राथमिकियां, मामले के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और एसीबी द्वारा एम्स-ऋषिकेश में की गई छापेमारी के बाद दर्ज की गई थी, जिसमें कई अनियमितताएं व दस्तावेजी विसंगतियां पाई गई थीं। सीसीयू का निर्माण कार्य अभी भी अधूरा है, जिसके नाम पर एम्स-ऋषिकेश के शीर्ष अधिकारियों की संलिप्तता से सभी कथित गलत लेनदेन किए गए थे।