UKSSSC प्रश्नपत्र लीक मामलाः पुलिस ने किया चौंकाने वाला खुलासा,मुख्य आरोपी खालिद मलिक गिरफ्तार
punjabkesari.in Wednesday, Sep 24, 2025 - 08:11 AM (IST)

देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्न पत्र के तीन पन्ने कथित तौर पर लीक होने के मामले में पुलिस ने मंगलवार को मुख्य आरोपी खालिद मलिक को गिरफ्तार कर लिया। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर दोहराया कि परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिस ने बताया कि परीक्षा में अभ्यर्थी के तौर पर शामिल हुए खालिद को हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। इससे पहले, पुलिस ने मामले में एक अन्य आरोपी और खालिद की बहन साबिया (35) को गिरफ्तार किया था। खालिद तीन दिन से फरार था। इस संबंध में, हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने बताया कि चूंकि इस मामले में देहरादून में मुकदमा दर्ज है, इसलिए आगे की कार्रवाई के लिए देहरादून पुलिस खालिद को अपने साथ ले गई है।
विभिन्न विभागों के लिए रविवार को आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्नपत्र के तीन पन्ने सोशल मीडिया पर सामने आए थे। मामले की जांच अधिकारी और ऋषिकेश की पुलिस अधीक्षक (एसपी) जया बलूनी ने बताया कि जांच में मिले साक्ष्यों से स्पष्ट है कि खालिद, हरिद्वार में पथरी क्षेत्र के बहादरपुर जट गांव में स्थित आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज में बनाए गए परीक्षा केंद्र में कोई उपकरण लेकर गया था, जिससे उसने प्रश्नपत्र के तीन पन्नों की फोटो खींचकर अपने मोबाइल फोन पर भेजी जो साबिया के पास था।
उन्होंने बताया कि साबिया ने खालिद के फोन से ये प्रश्न टिहरी में सहायक प्रोफेसर सुमन के फोन पर भेजे और उनसे उत्तर प्राप्त किए। बलूनी ने कहा कि साबिया ने खालिद को परीक्षा में नकल कराने के उद्देश्य से सुमन को प्रश्नपत्र की फोटो भेजी और उत्तर हासिल किए। इसलिए प्रकरण में उसकी भूमिका को देखते हुए उसे गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि सुमन से पूछताछ में खालिद की एक अन्य बहन हिना की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है, जिसकी जांच की जा रही है।
इस प्रकरण में चार नामजद और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ देहरादून के रायपुर थाना क्षेत्र में उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम एवं निवारण) अध्यादेश 2023 की प्रासंगिक धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। बलूनी ने बताया कि सोमवार को परीक्षा केंद्र का निरीक्षण किया गया और वहां उपस्थित प्रधानाचार्य, परीक्षा कक्ष निरीक्षक तथा जैमर लगाने वालों से गहन पूछताछ की गई।
आयोग द्वारा 21 सितंबर को आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्न पत्र के तीन पन्नों की फोटो के ‘स्क्रीनशॉट' सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, जिनमें फोटो लिए जाने का समय परीक्षा शुरू होने के कुछ ही देर बाद का दिखाई दे रहा था। इस पर आयोग के अध्यक्ष गणेश सिंह मर्तोलिया ने भी हैरानी जताई कि परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाए जाने के बावजूद प्रश्नपत्र बाहर कैसे आया। इस घटना पर मचे हंगामे के बाद आयोग ने देहरादून पुलिस को एक शिकायती पत्र सौंपते हुए मामले की विस्तृत जांच का अनुरोध किया। देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया।
अधिकारियों ने बताया कि जांच में पता चला कि ये फोटो सुमन के मोबाइल से भेजी गई थीं। उन्होंने कहा कि पूछताछ में सुमन ने बताया कि साबिया को उत्तर देने के बाद उन्हें इन प्रश्नों पर शक हुआ, जिसके बाद उन्होंने प्रश्नों के स्क्रीनशॉट लेकर एक अन्य व्यक्ति को दिखाया। उसी व्यक्ति ने स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर डाल दिए। सुमन से पूछताछ के आधार पर उन सभी व्यक्तियों की जांच की जा रही है, जिन्होंने प्रश्नपत्र लीक की सूचना पुलिस या किसी अन्य सक्षम प्राधिकारी को देने के बजाय परीक्षा के बाद उसके ‘स्क्रीनशॉट' सोशल मीडिया पर प्रसारित कर दिए।
बलूनी ने बताया कि यदि उक्त व्यक्तियों द्वारा समय रहते इस संबंध में जानकारी आयोग, पुलिस या अन्य प्राधिकारी को दे दी गई होती तो संभवतः खालिद और उसके अन्य सहयोगी परीक्षा केंद्र से ही पकड़े जा सकते थे। उधर, आयोग के अध्यक्ष मर्तोलिया ने कहा कि चूंकि यह मामला केवल एक परीक्षा केंद्र और एक अभ्यर्थी से जुड़ा है, इसलिए परीक्षा रद्द करने की संभावना लगभग नगण्य है। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी अभ्यर्थी के खिलाफ आयोग कड़ी कार्रवाई करेगा और उसे आयोग की आगामी परीक्षाओं के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
हरिद्वार पुलिस ने बताया कि खालिद के घर पर कथित तौर पर अवैध बिजली आपूर्ति पाए जाने पर उसके पिता के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। छापेमारी के दौरान बिजली विभाग ने खालिद के घर की बिजली तत्काल प्रभाव से काट दी है। इस बीच, बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यूकेएसएसएससी की परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और सरकार इस मामले में पूरी सख्ती बरतेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगार अभ्यर्थियों का हित सर्वोपरि है और उनके हितों को सुरक्षित रखते हुए ही जरूरी निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार पारदर्शी और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।