UKSSSC पेपर प्रकरण: हरिद्वार में परीक्षा केंद्र में ड्यूटी पर तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट को किया निलंबित, लापरवाही का बड़ा आरोप
punjabkesari.in Thursday, Sep 25, 2025 - 11:36 AM (IST)

देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा का प्रश्न पत्र हरिद्वार स्थित एक केंद्र से स्क्रीन शॉट के रूप में बाहर जाने संबंधी प्रकरण में बुधवार देर रात्रि जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, हरिद्वार के परियोजना निदेशक (पीड़ी) केएन तिवारी को शासन ने निलंबित कर दिया है। वह उक्त परीक्षा केंद्र पर सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त थे। आयोग ने जांच में उन्हें प्रथम द्दष्टया दोषी पाया है।
राज्य के कार्मिक विभाग से प्राप्त इस आदेश के अनुसार, यूकेएसएसएससी प्रतियोगी परीक्षा के दौरान जनपद हरिद्वार के परीक्षा केंद्र आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज, ग्राम व पोस्ट बहादरपुर, जट, हरिद्वार, केंद्र कोड-1302 में एक अभ्यर्थी द्वारा प्रश्नपत्र के 12 प्रश्नों की मोबाइल से फोटो खींचकर परीक्षा केंद्र से बाहर भेजने का मामला प्रकाश में आया। यद्यपि उक्त परीक्षा केंद्र में परीक्षा की सुचिता एवं पारदर्शिता बनाए रखने हेतु विभिन्न जनपद स्तरीय अधिकारियों व कार्मिकों की तैनाती की गई।
इस घटना से यह स्पष्ट है कि संबंधित अधिकारियों व कार्मिकों के द्वारा केंद्र पर पर्यवेक्षण का कार्य भली-भांति नहीं किया गया। जिससे प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि उक्त प्रयोजन हेतु तैनात अधिकारी,कार्मिक अपने कार्य दायित्वों के प्रति संवेदनशील नहीं थे, जिससे परीक्षा पर भी प्रश्न चिह्न लगा है व विभिन्न संगठन आंदोलित है। अत: उक्त संबंधित अधिकारियों, कार्मिकों के विरुद्ध समुचित कार्यवाही किए जाने का अनुरोध किया गया है।
निर्गत आदेश में आगे लिखा गया है कि चूंकि संबंधित परीक्षा केंद्र हेतु सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में के0एन0 तिवारी, परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, हरिद्वार की तैनाती की गई थी। अत: उक्त परीक्षा केंद्र पर परीक्षा आयोजन के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में पर्यवेक्षण का कार्य लापरवाही बरतते हुए भली-भांति नहीं किए जाने तथा अपने कार्य दायित्वों के प्रति संवेदनशील नहीं होने के कृत्य हेतु प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर एतद्द्वारा सम्यक विचारोपरांत के0एन0 तिवारी, परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, हरिद्वार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए अग्रिम आदेशों तक आयुक्त, ग्राम्य विकास कार्यालय, पौड़ी से सम्बद्ध किया जाता है।