कफ सिरप से कई बच्चों की मौत के बाद एक्शन मोड पर उत्तराखंड सरकार, Medical Stores और अस्पतालों में चलाया छापेमारी अभियान

punjabkesari.in Sunday, Oct 05, 2025 - 03:18 PM (IST)

देहरादून: मध्य प्रदेश और राजस्थान में दूषित कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत की खबरों के बीच उत्तराखंड सरकार ने शनिवार को प्रदेशभर में मेडिकल स्टोरों तथा थोक औषधि विक्रेताओं पर छापेमारी अभियान शुरू किया। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की संयुक्त टीमें प्रदेश के सभी जिलों में मेडिकल स्टोरों, थोक दवा विक्रेताओं और अस्पतालों की औषधि दुकानों पर छापेमारी कर रही हैं।

"डाॅक्टर बच्चों के लिए प्रतिबंधित कफ सिरप न लिखें"
बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को सबसे अधिक महत्वपूर्ण बताते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव एवं एफडीए आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा कि सभी जिलों में औषधि निरीक्षकों से इस माह के भीतर चरणबद्ध तरीके से अस्पतालों और दुकानों से कफ सिरपों के नमूने एकत्र करने और उनकी गुणवत्ता की प्रयोगशाला जांच कराने के आदेश दिए हैं ताकि किसी भी दोषपूर्ण या हानिकारक दवा को बाजार से तत्काल हटाया जा सके। प्रदेश के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को केंद्र से मिले परामर्श को प्रदेश में तत्काल प्रभाव से लागू कराने के आदेश दिए गए हैं। कुमार ने प्रदेश के सभी चिकित्सकों से आग्रह किया है कि केंद्र सरकार के परामर्श का संज्ञान लेते हुए वे बच्चों के लिए प्रतिबंधित कफ सिरप न लिखें। डॉ. कुमार ने कहा, ‘‘यदि चिकित्सक इन सिरप को लिखेंगे तो मेडिकल स्टोर भी उन्हें बेचेंगे। इसलिए जरूरी है कि डॉक्टर स्वयं भी जिम्मेदारी दिखाएं और प्रतिबंधित दवाओं को लिखने से परहेज़ करें।'' केंद्र के परामर्श के अनुसार, दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार की खांसी या जुकाम की दवा नहीं दी जानी चाहिए जबकि पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में भी इन दवाओं का सामान्य उपयोग अनुशंसित नहीं है।

"बच्चों को कोई भी दवा देने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें"
डॉ. कुमार ने बताया कि सरकार ने विशेष रूप से डेक्सट्रोमेथोरफन युक्त सिरप तथा क्लोरफेनिरामाइन मेलिएट एवं फिनाइलेफ्रीन हाइड्रोक्लोराइड के संयोजन वाली दवाओं को चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रतिबंधित किया है। आदेश के बाद एफडीए अपर आयुक्त एवं औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी के नेतृत्व में राज्यभर में युद्धस्तर पर छापेमारी शुरू कर दी गयी। स्वयं अपर आयुक्त ने देहरादून के जोगीवाला, मोहकमपुर समेत कई क्षेत्रों में औषधि दुकानों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर दोष पाए जाने पर संबंधित कंपनी या विक्रेता के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जग्गी ने जनता से भी अपील की है कि बच्चों को कोई भी दवा देने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें और यदि किसी दवा के सेवन से कोई प्रतिकूल प्रभाव दिखाई दे तो तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र या अस्पताल से संपर्क करें।


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Content Editor

Khushi

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