हल्द्वानी में वन तस्करों ने मिलीभगत से काट दिए 15 बेशकीमती खैर के पेड़, सोता रहा वन विभाग

punjabkesari.in Wednesday, Jul 24, 2024 - 11:08 AM (IST)

हल्द्वानीः उत्तराखंड के हल्द्वानी में तराई पूर्वी वन प्रभाग में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया, जहां बेखौफ़ वन तस्कर जंगलों की बेशकीमती लकड़ी को काटकर खुलेआम तस्करी कर रहे हैं। इस तस्करी के पीछे वन विभाग की कर्मचारियों की मिली भगत भी सामने आ रही है, वन तस्कर जंगल के अंदर प्लॉट सफाई के नाम पर जंगल की बेशक़ीमती लकडीयों की तस्करी कर रहे हैं। लकड़ी तस्करी की शिकायत पर जब मीडियाकर्मी गुर्जर समुदाय के लोगों के साथ जंगल में पहुंचे तो वहाँ भारी मात्रा में बेशकीमती खैर की पेड़ कटे हुए थे।

तस्करों के खिलाफ शिकायत दर्ज
जानकारी के अनुसार, तराई पूर्वी वन प्रभाग के रनसाली रेंज में वन तस्कर जंगल के अंदर से 15 बेशकीमती पेड़ काट कर ले गए। वहीं  इस मामले का खुलासा स्थानीय गुर्जरों ने वन विभाग के कर्मचारी और तस्करों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा कर किया। बता दें कि तराई पूर्वी वन प्रभाग  जंगलों से लकडीयों की तस्करी काफी दिनों से चल रही है, तस्करी रोकने की शिकायत ज़ब गुर्जर समुदाय के लोगों ने विभागीय कर्मचारियों को दी, तो उल्टा वन कर्मचारियों ने गुर्जर समुदाय के लोगों को ही झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दे डाली।

वन विभाग के कर्मचारियों की मिली भगत
गुर्जरों ने इसकी शिकायत विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ उच्च अधिकारियों को भी की लेकिन तस्करों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। तस्कर भारी मात्रा में बेशकीमती खैर के पेड़ को काटकर इकट्ठा कर छोटे-छोटे टुकड़े बना रहे है। स्थानीय गुर्जरों का कहना है कि वन विभाग के कर्मचारियों के साथ मिली भगत कर तस्कर पेड़ों को काट रहे हैं। उनके मुताबिक वन विभाग आंख बंद किया हुआ है।

वन संपदा को संरक्षित करना मौलिक अधिकार
 गुर्जरों का कहना है कि वन संपदा को संरक्षित करना उनका मौलिक अधिकार है जबकि तस्करों द्वारा करीब बेशकीमती खैर के 15 पेड़ को काटकर उसके छोटे-छोटे टुकड़ों में बनाकर ठिकाने लगाने का काम किया जा रहा था जब गुर्जरों ने उनको रोकने की कोशिश की तो मौके पर ही लकड़ी छोड़कर तस्कर ट्रैक्टर ट्राली लेकर भागने में कामयाब हुए।

 दोषी के खिलाफ होगी कठोर कार्रवाई
वही इस पूरे मामले में वन विभाग के कुमाऊं चीफ धीरज पांडेय का कहना है कि किसी भी तरह की वन तस्करी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो भी लोग दोषी होंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे मामले में उप प्रभागीय वनाधिकारी संतोष कुमार पंत का कहना है कि इस तरह का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। अभी तक किसी तरह के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं कि वहां पर पेड़ के कटाव हुए हैं।


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Content Writer

Nitika

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