देवभूमि अब खेलभूमि भी बन रही है...राष्ट्रीय खेलों के समापन समारोह में बोले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

punjabkesari.in Saturday, Feb 15, 2025 - 09:19 AM (IST)

हल्द्वानी: एक सादगीपूर्ण समारोह के साथ 38वें राष्ट्रीय खेलों का शुक्रवार को समापन हो गया। जिसमें मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देवभूमि अब खेलभूमि भी बन रही है।  इसी के साथ ही दोहराया कि भारत 2036 में होने वाले ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने अगले मेजबान मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा को ध्वज सौंपने से पहले खेलों के समापन की घोषणा की।

"राष्ट्रीय खेलों की सफल मेजबानी से देवभूमि अब खेल भूमि में बदल गई"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में 2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए भारत की दावेदारी का जिक्र करते हुए कहा मैं (अमित शाह) आज यह कह सकता हूं कि खेलों में भारत का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। हम 2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जब यहां ओलंपिक होंगे तो हमारे खिलाड़ी पदक जीतेंगे और तिरंगे का परचम लहरायेंगे। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ओलंपिक 2036 के मेजबान पर फैसला अगले साल से पहले नहीं लेगी । शाह ने यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय खेल परिसर में आयोजित समारोह में कहा कि देव भूमि न केवल राष्ट्रीय खेलों के कारण बल्कि खेलों में अपने खिलाड़ियों के प्रदर्शन और खेलों की सफल मेजबानी के कारण खेल भूमि में बदल गई है।

"मोदी सरकार खेलों को लेकर प्रतिबद्ध"
अमित शाह ने कहा कि उन्होंने यहां देखा कि राष्ट्रीय खेलों के दौरान बनाए गए कुछ रिकॉर्ड अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं। शाह ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में भारत खेलों में और प्रगति करेगा। उन्होंने खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार देश में खेलों का इकोसिस्टम और विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि जब मोदी जी 2014 में प्रधानमंत्री बने थे तब हमारा खेलों का बजट 800 करोड़ रुपये था जो अब 3800 करोड़ रुपये हो गया है । इससे साबित होता है कि मोदी सरकार खेलों को लेकर कितनी प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों ने 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में 15 पदक जीते थे लेकिन अब यह आंकड़ा 26 हो गया है । इसी तरह 2014 में एशियाई खेलों में 57 और 2023 में 107 पदक जीते ।

केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि उत्तराखंड ने देश को बताया है कि यह सिर्फ देवभूमि नहीं बल्कि खेलभूमि भी है। राज्य ने सुनिश्चित किया कि खेलों के दौरान किसी भी खिलाड़ी को कोई कठिनाई न हो। यह भारत के खेल केंद्र बनने की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि यह 2036 तक भारत के ओलंपिक खेलों में शीर्ष 10 देशों में शामिल होने की शुरुआत है। देश में अब एक खेल पारिस्थितिकी तंत्र है। यह खेल सहित हर पहलू में आगे बढ़ रहा है।

"उत्तराखंड ने 24 स्वर्ण, 35 रजत और 44 कांस्य सहित कुल 103 पदक जीते"
इस अवसर पर भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष व सांसद पीटी ऊषा ने कहा कि सफर यहीं खत्म नहीं होता, यह भारतीय खेलों के लिए सिर्फ शुरुआत है। यहां राष्ट्रीय खेलों की शुरुआत 28 जनवरी को हुई थी। जिसमें सेना खेल संवर्धन बोर्ड (एसएससीबी) कुल 121 पदक (68 स्वर्ण, 26 रजत, 27 कांस्य) के साथ पिछले छह राष्ट्रीय खेल में पांचवीं बार पदक तालिका में शीर्ष पर रहा। महाराष्ट्र ने 198 (54 स्वर्ण, 71 रजत, 73 कांस्य) के साथ सेना से अधिक पदक जीते लेकिन कम स्वर्ण पदक जीतने के कारण वह दूसरे स्थान पर रहा। यहां तक ​​कि हरियाणा को 153 (48 स्वर्ण, 47 रजत, 58 कांस्य) के साथ सेना से अधिक पदक मिले, लेकिन उसे तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। मेजबान उत्तराखंड 24 स्वर्ण, 35 रजत और 44 कांस्य सहित कुल 103 पदकों के साथ सातवें स्थान पर रहा।

बता दें कि अमित शाह और धामी के अलावा जिन अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने समापन समारोह में भाग लिया। उनमें केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया, मेघालय के मुख्यमंत्री कोंगकल संगमा, उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य, दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम और ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग शामिल हुए थे। 


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Content Editor

Vandana Khosla

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