“चाहे महाकुंभ हो या चारधाम यात्रा... नफरत फैलाना BJP का राष्ट्रीय एजेंडा", कांग्रेस ने भाजपा पर बोला हमला
punjabkesari.in Monday, Mar 17, 2025 - 11:18 AM (IST)

उत्तराखंड: भाजपा विधायक आशा नौटियाल ने केदारनाथ धाम में ‘गैर-हिंदुओं' पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। विधायक ने कहा कि यहां मांस-मछली और शराब जैसी गलत गतिविधियां कर रहे ऐसे लोग धाम को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस की उत्तराखंड इकाई ने विधायक के इस बयान की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा कि त्योहारों व धार्मिक यात्राओं के नाम पर नफरत फैलाना भाजपा का राष्ट्रीय एजेंडा है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने यहां संवाददाताओं से कहा, “चाहे महाकुंभ मेला हो या होली और जुमे की नमाज या आगामी चारधाम यात्रा, सभी मौकों पर भाजपा इनके बहाने अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज को निशाना बनाकर देश और प्रदेश का सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास करती है। यह भाजपा का राष्ट्रीय एजेंडा है।” उन्होंने कहा कि ऐसा करके सरकार बेरोजगारी, महंगाई, कानून एवं व्यवस्था जैसे असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है। धस्माना ने राज्य सरकार से चारधाम यात्रा निर्विघ्न संपन्न कराने और किसी भी प्रकार की अवांछनीय हरकत करने वाले व्यक्ति, फिर चाहे वह किसी भी धर्म, जाति या प्रांत का हो, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की।
आपको बता दें कि उत्तराखंड में 30 अप्रैल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा से पहले केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विधायक आशा नौटियाल ने रविवार को केदारनाथ धाम में मांस-मछली और शराब जैसी गलत गतिविधियां कर रहे ‘गैर-हिंदुओं' पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। कहा कि ऐसे लोग धाम को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। नौटियाल ने कहा कि हाल में यात्रा की तैयारियों को लेकर स्थानीय होटल, ढाबा व्यवसायी और घोड़े-खच्चर रखने वाले लोगों के साथ हुई एक बैठक में यह बात खुलकर सामने आई थी। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने यह मुद्दा उठाया था कि गैर-हिंदू लोग वहां मांस, मछली और शराब के व्यापार जैसी गलत गतिविधियों में संलिप्त हैं। भाजपा विधायक ने कहा, “जो भी लोग धाम को बदनाम करने का काम करते हैं, उन पर प्रतिबंध लगाना ही चाहिए।”
नौटियाल ने यह भी कहा कि केदारनाथ और प्रदेश के अन्य धामों के दर्शन के लिए पूरे देश और विश्व से श्रद्धा के साथ लोग आते हैं। इसलिए उनकी आस्था को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते उनका यह कर्तव्य बनता है कि वह स्थानीय लोगों द्वारा उठाई गई मांगों को उचित मंच पर रखें और सुनिश्चित करें कि गलत गतिविधियों पर रोक लगाई जाए।