उत्तराखंड सीईओ ने अचानक बुलाई High Level Meeting... इन बिंदुओं पर की विशेष चर्चा, जानिए पूरा मामला

punjabkesari.in Friday, Sep 19, 2025 - 11:25 AM (IST)

देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) बीवीआरसी पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ बैठक हुई। बैठक में दलों के प्रतिनिधियों के साथ विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई। इस दौरान, प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया कि संविधान के अनुच्छेद-324 के साथ पठित लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1950 की धारा-21 एवं अन्य सुसंगत नियमों के अन्तर्गत चुनाव आयोग को विशेष गहन पुनरीक्षण संपादित करवाने का अधिकार निहित है।

तदनुसार, जनवरी 2026 की अर्हता तिथि के आधार पर विशेष गहन पुनरीक्षण के अन्तर्गत, सबके सामने 2025 की मतदाता सूची से 2003 के मतदाताओं का मिलान किया जाएगा। जबकि वर्ष 2025 के मतदाताओं को चार श्रेणियों में चिह्नित करना है। बताया गया कि श्रेणी ए में चिह्नित मतदाताओं को सत्यापन के समय केवल अंश प्रस्तुत करना होगा। श्रेणी -बी में चिह्नित मतदाताओं को आयोग द्वारा नियत 11 दस्तावेजों में से कोई भी एक प्रस्तुत करना होगा। श्रेणी-सी में चिह्नित मतदाताओं को पूर्व नियत 11 दस्तावेज में से स्वयं का कोई एक दस्तावेज तथा एक दस्तावेज अपने माता-पिता का प्रस्तुत करना होगा।

सीईओ ने बताया कि श्रेणी-डी में चिह्नित मतदाताओं को पूर्व में नियत 11 दस्तावेजों में से स्वयं का कोई एक या एक-एक दस्तावेज अपने माता एवं पिता का प्रस्तुत करना होगा। यदि श्रेणी सी या डी में चिन्हित मतदाता के माता-पिता का नाम 2003 की मतदाता सूची में दर्ज है तो ऐसे प्रकरण में 2003 की मतदाता सूची में से माता-पिता का अंश प्रस्तुत किया जाएगा, अन्य दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है।

डॉ. पुरुषोत्तम ने बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा आधार को 12वें दस्तावेज के रूप में सम्मिलित करने के निर्देश दिए गए हैं। आधार का प्रयोग केवल पहचान के लिए किया जा सकता है, इसकी प्रमाणिकता एवं नागरिकता के संदर्भ में पूर्व नियत दस्तावेज में से कोई भी एक दस्तावेज आधार के साथ संलग्न करना आवश्यक होगा। उन्होंने बताया कि आयोग के निर्देशानुसार, मतदेय स्थलों के पुनर्निधारण, संशोधन एवं परिवर्तन की कार्यवाही भी गतिमान है।

सीईओ ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से आगामी एसआईआर में निरंतर समन्वय बनाए जाने के लिए प्रत्येक पोलिंग बूथ पर बीएलए की नियुक्ति का अनुरोध किया। जबकि अभी तक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दलों द्वारा राज्य में 2744 बीएलए की ही नियुक्ति की गई है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों की 2003 की मतदाता सूची सीईओ वेबसाइट पर उपलब्ध है।

पुरुषोत्तम ने स्पष्ट किया कि यदि अपीलकर्ता असंतुष्ट रहता है, तो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24 (बी) और निर्वाचन आयोग, 1960 के नियम 27 के अनुसार, जिलाधिकारी के आदेश के 30 दिनों के भीतर मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष द्वितीय अपील की जा सकती है।

बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे, उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी किशन सिंह नेगी, सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास सहित माकपा से अनंत आकाश, कांग्रेस से डॉ. प्रतिमा सिंह, दिनेश सिंह, बीएसपी से सत्येंद्र सिंह, सतेंद्र, भाजपा से पुनीत मित्तल, संजीव विज, पंकज शर्मा उपस्थित रहे। 


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Content Editor

Vandana Khosla

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