सदन की कार्यवाही के दौरान सवालों में घिरे कृषि मंत्री... नहीं बता पाए प्राकृतिक खेती की परिभाषा

punjabkesari.in Friday, Feb 21, 2025 - 04:39 PM (IST)

देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा सत्र के चौथे दिन सदन की कार्यवाही के दौरान कृषि मंत्री गणेश जोशी सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के द्वारा पूछे गए सवालों पर बुरी तरीके से फंसते हुए नजर आए। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा कृषि मंत्री गणेश जोशी से पूछे गए सवाल को स्थगित कर दिया गया।

कृषि मंत्री गणेश जोशी नहीं बता पाए प्राकृतिक खेती की परिभाषा
उत्तराखंड विधानसभा में बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान शुक्रवार का दिन इतिहास के पन्नों में कृषि मंत्री गणेश जोशी से पूछे गए एक सवाल के लिए हमेशा याद किया जाएगा। दरअसल, विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान प्राकृतिक खेती को लेकर सत्ता पक्ष के विधायक बृजभूषण गैरोला के द्वारा सवाल किया गया था। जिस पर कांग्रेस विधायक वीरेंद्र जाति के द्वारा क्रॉस सवाल किया गया और कृषि मंत्री से प्राकृतिक खेती की परिभाषा को पूछा गया। प्राकृतिक खेती की परिभाषा को जब कृषि मंत्री गणेश जोशी बताने लगे तो फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई विधायकों ने ही उनके जवाब पर सवाल खड़े कर दिए। करीब 25 मिनट तक गणेश जोशी प्राकृतिक खेती की परिभाषा समझाते रहे। लेकिन, सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक उनकी परिभाषा से संतुष्ट नजर नहीं आए।

मामला  बिगड़ता देख विधानसभा अध्यक्ष ने सवाल को ही किया स्थगित
ऐसे में कई सवाल खड़े हो रहे हैं, कि क्या उत्तराखंड के कृषि मंत्री को वास्तव में प्राकृतिक खेती की परिभाषा उस हिसाब से नहीं आती,जिससे वह विपक्ष और सत्ता पक्ष की विधायकों को संतुष्ट कर पाते। मामला जब प्राकृतिक खेती की परिभाषा को समझने में बिगड़ा तो विधानसभा अध्यक्ष ने सवाल को ही स्थगित कर दिया। हालांकि कृषि मंत्री गणेश जोशी सदन में दिए गए अपने जवाब को अभी भी सही बता रहे हैं और कह रहे हैं कि किसी भी कृषि वैज्ञानिक से वह प्राकृतिक खेती की परिभाषा पूछ सकते हैं। जहां तक कांग्रेस विधायक वीरेंद्र जाती का सवाल है तो वह भी बता सकते हैं कि प्राकृतिक खेती की क्या परिभाषा होती है और उसमें कौन सी फसलें आती है।

कांग्रेस विधायक ने जोशी की प्राकृतिक खेती के ज्ञान पर उठाए सवाल
कांग्रेस विधायक वीरेंद्र जाती द्वारा कृषि मंत्री गणेश जोशी की प्राकृतिक खेती के ज्ञान पर फिर सवाल खड़ा किया गया है और वीरेंद्र जाति का कहना है कि कृषि मंत्री तो गलत परिभाषित प्राकृतिक खेती की कर ही रहे थे। उनके अधिकारी भी उन्हें सही परिभाषा नहीं बता पाए। जहां तक प्राकृतिक खेती की परिभाषा की बात है तो कृषि मंत्री होने के नाते उन्हें यह पता होना चाहिए कि प्राकृतिक खेती क्या होती है और उसमें कौन-कौन सी फसलों की खेती होती है।

क्या वास्तव में कैबिनेट मंत्री सदन में पूरी तैयारी के साथ नहीं जाते हैं
वहीं, कुल मिलाकर देखें तो शुक्रवार को जिस तरीके से सदन में विधायकों के सवाल पर कृषि मंत्री प्राकृतिक खेती की परिभाषा को बताते-बताते बुरे फंस गए। उससे तो यही सवाल खड़ा होता है क्या वास्तव में कैबिनेट मंत्री सदन में पूरी तैयारी के साथ नहीं जाते हैं और वह संतोषजनक जवाब न देने में बुरे फंस जाते हैं।


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Content Editor

Vandana Khosla

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