उत्तराखंड में 1365 क्रिटिकल और 809 वल्नरेबल बूथ चिन्हितः अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी
punjabkesari.in Sunday, Apr 07, 2024 - 04:24 PM (IST)
देहरादूनः उत्तराखंड के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि राज्य में 1365 संवेदनशील बूथ और 809 अत्यंत संवेदनशील बूथ चिन्हित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि वल्नरबल बूथ की श्रेणी में ऐसे बूथ आते हैं, जिनमें पूर्व में निर्वाचन के दौरान कोई घटना हुई हो, जिसमें आपराधिक मामला शामिल हो। वहां पर कोई गंभीर घटना या अपराध घटित हुआ हो, जिससे चुनाव बाधित हुआ हो।
सचिवालय में नियमित ब्रीफिंग के दौरान, जोगदंडे ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा क्रिटिकल बूथ के भी मानक तय किए गए हैं। यदि किसी बूथ में गत निर्वाचन में 10 प्रतिशत से कम मतदान हुआ हो उसे क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में रखा गया है। ऐसे बूथ जिनमें गत वर्ष 90 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है और उसमें से 75 प्रतिशत से अधिक मतदान किसी एक ही प्रत्याशी के पक्ष में हुआ हो, उसे भी क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में चिन्हित किया जाता है।
वहीं अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि यदि किसी बूथ पर मतदान के दिवस पर औसत से अधिक लोगों ने एपिक के अलावा अन्य दस्तावेजों का प्रयोग किया है, तो उस बूथ को भी क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में चिन्हित किया जाता है। उन्होंने बताया कि क्रिटिकल और वल्नरबल बूथों के चिन्हीकरण की कार्रवाई सेक्टर ऑफिसर और सेक्टर पुलिस ऑफिसर के माध्यम से की जाती है।
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चिन्हित वल्नरबल बूथों में विशेष रूप से ध्यान रखने के लिए पुलिस बल और अर्द्धसैन्य बलों की तैनाती की जाती है। क्रिटिकल बूथों पर माइक्रो आर्ब्जवर की तैनाती, वेबकास्टिंग और वीडियोग्राफी की व्यवस्था, अतिरिक्त मतदान टीम की व्यवस्था की जाती है। उन्होंने बताया कि राज्य में सर्वाधिक क्रिटिकल बूथ हरिद्वार जनपद में 344, देहरादून जनपद में 278 और उधमसिंह नगर में 158 पाए गए हैं। सबसे अधिक वल्नरेबल बूथ देहरादून में 243, उधमसिंह नगर में 229 और नैनीताल जनपद में 201 पाए गए हैं। सभी जनपदों में उनकी भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार, क्रिटिकल और वल्नरेबल बूथों की संख्या कम और अधिक हो सकती हैं।