बेटा ही निकला बाप का हत्यारा ! पुलिस ने किया सनसनीखेज खुलासा, पूरा मामला जान उड़े होश

punjabkesari.in Tuesday, Dec 02, 2025 - 02:20 PM (IST)

हरिद्वारः उत्तराखंड के हरिद्वार में बीते दिनों वायु सेना से सेवानिवृत्त भगवान सिंह की हत्या का पुलिस और सीआईयू की टीम ने मंगलवार को खुलासा कर किया। भगवान सिंह की हत्या का मास्टरमाइंड कोई लिफ्ट मांगने वाले बदमाश नहीं, बल्कि उसी का अपना बेटा निकला। पुलिस ने बताया कि करोड़ों की संपत्ति पर कब्जा जमाने की नीयत से इस कलयुगी बेटे ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर पूरे घटनाक्रम की पटकथा लिखी और पिता को मौत के घाट उतरवा दिया।

पुलिस ने मृतक भगवान सिंह के बेटे सहित तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल तमंचा भी बरामद कर लिया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने बताया कि 29 नवंबर की देर रात को भगवान सिंह के बेटे यशपाल ने कंट्रोल रूम पर सूचना दी थी कि वह पिता के साथ रोशनाबाद शादी में जा रहा था। जटवाड़ा पुल के पास एक व्यक्ति ने लिफ्ट मांगी और कार में बैठते ही पिता को गोली मारकर फरार हो गया। इस मामले में बहादराबाद थाना, रानीपुर कोतवाली और सीआईयू की संयुक्त टीमों को जांच में लगाया। जब पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर यशपाल से पूछताछ की तो वह अपने ही बयान बदलने लगा। शादी में किस दोस्त के यहां जाना था, इस पर भी वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। यहीं से शक की सुई बेटे की ओर घूम गई।

एसएसपी ने बताया कि सख्ती से पूछताछ में बेटे के जवाब लगातार उलझते गए। आखिरकार वह टूट गया और उसने स्वीकार किया कि पिता की हत्या उसी ने दोनों दोस्तों के साथ मिलकर करवाई है। पुलिस के मुताबिक मृतक भगवान सिंह वायु सेना से सेवानिवृत्त हुए थे और उनके पास करोड़ों की संपत्ति थी। बेटे की गलत संगत और आदतों के कारण दोनों के बीच विवाद होता रहता था। बेटे ने पिता पर कई बार संपत्ति अपने नाम कराने के लिए दबाव बनाया था, लेकिन उसके पिता ने साफ मना कर दिया और उसे बेदखल करने तक की चेतावनी दी। इसी रंजिश में बेटे ने हत्या की योजना बनाई।

पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि यशपाल ने अपने दोस्त ललित मोहन उर्फ राजन और शेखर से बात कर पिता की हत्या के बदले 30 लाख और एक स्कॉर्पियो देने का सौदा तय किया था। तीनों ने 29 नवंबर की दोपहर नहर पटरी पर रेकी की और रात में वारदात को अंजाम दिया। रात करीब आठ बजे यशपाल अपने पिता को दोस्त की शादी का झांसा देकर कार से साथ ले गया। जटवाड़ा पुल से आगे बैराज के पास उसके साथी राजन और शेखर पहले से मौजूद थे। योजना के तहत यशपाल ने पिता से गाड़ी रुकवाई और खुद ड्राइवर सीट पर बैठ गया। जिसके बाद वारदात को अंजाम दिया गया।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Vandana Khosla

Related News