टिहरीः बाहरी लोगों द्वारा जमीन खरीद फरोख्त को लेकर ग्रामीण लामबंद, पैतृक भूमि बचाओ अभियान किया शुरू

punjabkesari.in Monday, Oct 21, 2024 - 01:02 PM (IST)

टिहरीः उत्तराखंड के टिहरी में बाहरी लोगों के द्वारा बढ़ते जमीन खरीद फरोख्त के मामलों को लेकर अब ग्रामीण लामबंद होने लगे है। जिसको लेकर अब महापंचायतों का दौर शुरू हो गया है। अब इन महापंचायतों के जरिए ग्रामीणों ने पैतृक भूमि बचाओ आंदोलन की शुरुआत कर दी है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि गांवों के आसपास बाहरी लोगों द्वारा जमीन फरोख्त कर यहां का शांतिपूर्ण माहौल बिगड़ने लगा है।

दरअसल,जनपद टिहरी के चंबा और थौलधार विकासखंड में लगातार बढ़ते जमीन खरीद फरोख्त के मामलों को लेकर जहां कुछ लोगों ने गहरी चिंता जताई और खुली बैठक कर इस पर पाबंदी लगाई है। वहीं, अब अन्य गांव के लोग भी जमीन खरीद फरोख्त के मामलों को लेकर मुखर होते दिखाई दे रहे है। जिसको लेकर चंबा के तानगला में हुई महापंचायत में इसे 'पैतृक भूमि बचाओ' मुहिम का नाम दिया गया है। इसमें चंबा और थौलधार ब्लॉक के गुल्डी, धारकोट, दिखोलगांव, कोट, इंडर, डडूर, सेलूर, बौर,बेरगणी, किरगणी, डाबरी सहित करीब 3 दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीण इस मुहिम से जुड़े है। इसके चलते ग्रामीणों ने बाहरी लोगों के जमीन खरीद फरोख्त पर पाबंदी के साथ ही गांव के ही व्यक्ति द्वारा इसमें शामिल होने पर भी सामाजिक स्तर पर निर्णय लेकर कार्रवाई की बात कही है। ग्रामीणों का कहना है कि बाहरी लोगों द्वारा ग्रामीणों की मजबूरी का फायदा उठाकर और बहला फुसलाकर उनकी जमीन हथियाने का जो खेल किया जा रहा है उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बता दें कि पहाड़ों में परिवार की रोजी रोटी के लिए अधिकांश लोग रोजगार के सिलसिले में गांव से बाहर रहते है। वहीं इस महापंचायत मुहिम के चलते लोग अपना कामकाज छोड़कर इस मुहिम का हिस्सा बनने गांव में पहुंच रहे है। उनका कहना है कि भले ही वो रोजी रोटी के लिए बाहर है, लेकिन वो अपनी जमीन से जुड़े है और जिसका सौदा वह नहीं होने देंगे। वहीं युवाओं का कहना है कि बाहरी लोगों द्वारा जमीन खरीदते समय ग्रामीणों को रोजगार और विकास के सपने दिखाए जाते है, लेकिन बाद में हकीकत कुछ और ही निकलती है। ऐसे में सरकार को इसकी जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए।

 


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Content Editor

Vandana Khosla

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