ऐसे कैसे होगा इलाज? CMO ने विधायक के दबाव में लौटाया आदेश, दो विशेषज्ञ डॉक्टरों का ट्रांसफर रद्द

punjabkesari.in Sunday, Oct 26, 2025 - 02:59 PM (IST)

देहरादून:  उत्तराखंड के सरकारी अस्पताल रामभरोसे चल रहे है.. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि अधिकतर अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी देखने को मिल रही है। चौखुटिया में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली को लेकर जब जनता का आक्रोश फूटा, तो सरकार की डॉक्टर नियुक्त करने वाले दावे की पोल खुलकर रह गई..आनन-फानन में सरकार ने जिले के ही अल्मोड़ा जिला अस्पताल के दो डॉक्टरों को चौखुटिया स्थानांतरित कर दिया.. इस निर्णय से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ता विधायक मनोज तिवारी के नेतृत्व में सीएमओ कार्यालय पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। लगातार विरोध और बढ़ते राजनीतिक दबाव के बीच स्वास्थ्य विभाग ने देर शाम दोनों डॉक्टरों के ट्रांसफर आदेश रद्द कर दिए।
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दरअसल, चौखुटिया में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए जनता सड़क पर उतर आई है... जन आंदोलन के दबाव में प्रदेश सरकार ने दो विशेषज्ञ डॉक्टरों की चौखुटिया में तैनाती की घोषणा की थी, लेकिन तय डॉक्टर वहां नहीं पहुंचे। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने जिले के ही अल्मोड़ा अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कृतिका भंडारी और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष पंत का तबादला चौखुटिया कर दिया। जैसे ही इसकी भनक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगी, उन्होंने सीएमओ कार्यालय का घेराव कर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। विरोध बढ़ता देख स्वास्थ्य विभाग ने देर शाम दोनों डॉक्टरों के ट्रांसफर आदेश रद्द कर दिए।
PunjabKesariवहीं विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि अल्मोड़ा में पहले से ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है, ऐसे में स्थानांतरण जनता के साथ अन्याय है। 4 बढ़ते विरोध को देखते हुए सीएमओ नवीन तिवारी ने डीएम से बातचीत के बाद दोनों डॉक्टरों के आदेश वापस ले लिए। अब अस्पतालों में अगर डॉक्टरों की कमी होगी तो अस्पताल में मरीजों का इलाज कैसे होगा...क्या ये अस्पताल सिर्फ रेफर सेंटर के लिए ही काम आएंगे...आखिर कब तक पहाड़ों में मरीज तड़प-तड़प कर दम तोड़ते जाएंगे..क्या अस्पतालों के उद्घाटन करने से मरीजों का कल्याण हो पाएगा...बहरहाल, सवाल अनेक है लेकिन जवाब मंत्री जी के पास भी नहीं हैं..


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Imran

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