Uttarakhand News... 10 विधानसभा क्षेत्रों में मत प्रतिशत कम होने की BJP करेगी समीक्षा, बनेगी विशेष समिति
punjabkesari.in Friday, Jun 07, 2024 - 12:23 PM (IST)
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देहरादूनः उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तय किया कि जिन दस विधानसभा क्षेत्र में उसका मत प्रतिशत गिरा है, वहां उनके कारणों की तह तक जाएगी। इसके लिए विशेष समिति गठित की जाएगी। साथ ही, जिन बूथों पर सत्तर से नब्बे प्रतिशत तक मतदान प्रतिशत हुआ है, उनके बूथ अध्यक्ष से लेकर विधायक को भी सम्मानित किया जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष, राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने गुरुवार को यह जानकारी संवाददाता सम्मेलन में दी। उन्होंने कहा कि यह लोक सभा चुनाव उत्तराखंड के लिहाज से अहम है और चुनाव ऐतिहासिक होने के साथ विकसित भारत के निर्माण एवं श्रेष्ठ राज्य की दिशा में आगे बढ़ने का जनादेश है। उन्होंने अपार समर्थन के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं एवं देवभूमि के समस्त मतदाताओं का आभार जताया। भट्ट ने भाजपा संगठन, मातृ शक्ति, युवाओं, बुजुर्गों, सैनिकों एवम पूर्व सैनिकों, किसानों, श्रमिकों, सरकारी एवम गैर सरकारी कर्मचारियों समेत समाज के सभी वर्गों को उनके अमूल्य समर्थन के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1962 के बाद पहली बार देश में कोई गठबंधन लगातार तीसरी बार जनता का विश्वास जीतने में सफल रहा है। यह जनादेश, देवभूमि की महान जनता द्वारा राज्य की पांचों सीटों पर कमल खिलाने की हैट्रिक लगाने के लिए भी याद किया जाएगा। इसके अलावा, यह जातिवादी, तुष्टिकरण और हवा हवाई घोषणाओं की आड़ में सत्ता हथियाने वालों की साजिश के असफल करने के लिए है। वहीं भ्रष्टाचार, परिवारवाद और राष्ट्रविरोधी ताकतों को परास्त करने के लिए है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 2022 में संपन्न अंतिम चुनावों के मुकाबले इस बार के लोकसभा चुनाव में हम कुल 60 विधानसभा क्षेत्र में आगे रहे हैं, जो पिछली 47 सीटों के मुकाबले 13 अधिक है। वहीं दो लोकसभा पौड़ी एवं अल्मोड़ा की सभी 14 विधानसभा में हम आगे रहे है। उन्होंने बताया कि नैनीताल लोकसभा क्षेत्र में मात्र एक विधानसभा में हम पीछे रहे। टिहरी सीट पर 11 विधानसभा क्षेत्र में हमने जीत दर्ज की है। इसमें भी भाजपा अपनी एक ही सीट को हारी है। अन्य दो, एक निर्दलीय एवं कांग्रेस की ही रही है। उन्होंने बताया कि हरिद्वार में भी 2022 के प्रदर्शन को बेहतर करते हुए भाजपा ने 14 में से 8 विधानसभा सीट पर बढ़त बनाई है। कम मतदान के बावजूद, राज्य की पांच लोकसभा सीटों पर इस बार हमें मिली जीत का अंतर 2019 के मुकाबले लगभग बराबर है। इस बार विपक्ष से हमें कुल 11,68,697 मत अधिक मिले हैं, जबकि पिछली बार भी लगभग 12,69,770 मत अधिक हासिल हुए थे।
भट्ट ने बताया कि दो लोकसभा सीटों पर हमें विगत चुनाव के लगभग बराबर ही वोटों के अंतर से जीत हासिल हुई है। टिहरी में लगभग 3,00,586 के मुकाबले इस बार, 2,72,493 वोटों के अंतर से हम जीते हैं और नैनीताल में विगत वर्ष के 3,39,996 के मुकाबले इस बार भी 3,34,548 मतों के अंतर से हम जीते हैं। उन्होंने बताया कि अल्मोड़ा सीट पर तो अजय टम्टा पिछले चुनाव में हासिल 2,32,936 मतों के मुकाबले इस बार 2,44,097 मतों के अंतर से विजयी हुए हैं। मात्र गढ़वाल एवं हरिद्वार लोकसभा में हमारी जीत का अंतर कुछ कम हुआ है, लेकिन वह भी दोनों जगह डेढ़ लाख से ऊपर है। जबकि दोनों स्थानों पर हमारे उम्मीदवार नए थे। उन्होंने कहा कि हमारे सांसदों एवं सरकार के कामों के आधार पर जनता लगातार रिकॉर्ड मतों से उन्हें अपना आशीर्वाद देती आई है, जिसमें टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह ने चौथी बार लगातार जीत दर्ज की है। वही अल्मोड़ा से अजय टम्टा लगातार तीसरी बार एवं नैनीताल से अजय भट्ट दूसरी बार जनता की उम्मीद पर खरे उतरे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कुछ सवाल इस जनादेश को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे हैं। हमारा स्पष्ट कहना है कि चुनाव पूर्व लोकसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की 350 सीटें थी, जिसको देखते हुए ही लक्ष्य को बढ़कर 400 पार रखा गया। बेशक 400 पार नहीं हो पाया हो, लेकिन लगातार तीसरी बार राजग सरकार का आना ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि भाजपा इंडिया समूह के कुल 234 के मुक़ाबले 240 सीटें मिली हैं। वर्ष 1962 के बाद पहली बार किसी राजनीतिक दल एवं उसके चुनाव पूर्व हुए गठबंधन को स्पष्ट जनादेश मिला है। उन्होंने कहा कि हमारी जीत को कमतर बताने वाले सभी विपक्षी दल मिलकर भी अकेले भाजपा से अधिक सीट लाने में भी असफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि लगातार तीसरी बार पराजित होने वाले स्थानीय कांग्रेस नेता, पड़ोसी राज्यों के नतीजों पर जश्न मना रहे हैं। भट्ट ने कहा कि विपक्ष अपनी हार से भी सबक नही लेता है और हम जीत की भी समीक्षा करते हैं। इस लोकसभा चुनाव में शानदार जीत के बावजूद, पार्टी विधानसभावार विश्लेषण करेगी ताकि उन 10 शेष हारी हुई सीटों पर भी भविष्य में कमल खिलाया जाए।