काशीपुर में 52वीं मां मनसा देवी शोभायात्रा का आयोजन,अयोध्या से आए श्री महंत राजू दास ने की शिरकत
punjabkesari.in Friday, Oct 11, 2024 - 09:19 AM (IST)
उधम सिंह नगर: जनपद उधम सिंह नगर के काशीपुर में प्रतिवर्ष निकाली जाने वाली उत्तर भारत की सुप्रसिद्ध शोभायात्राओं में शुमार मां मनसा देवी माता की विशाल शोभायात्रा बीते गुरूवार को बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ निकाली गई। इस बार 52वीं शोभायात्रा में मुख्य अतिथि के तौर पर श्री हनुमानगढ़ी मंदिर अयोध्या से आए श्री महन्त राजू दास ने शिरकत की। मोहल्ला लाहौरियान स्थित मां मंशा देवी मंदिर से शुरू हुई शोभायात्रा से पूर्व मन्दिर में हवन किया गया। जिसके बाद जोत प्रज्वलित एवं डोला पूजन के बाद 10 किलोमीटर के दायरे में होकर मध्य रात्रि में वापस मनसा देवी मंदिर पहुंचकर समाप्त हुई।
अयोध्या से आए श्री महंत राजू दास ने की शिरकत
दरअसल, बीते अनेक वर्षों से शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि को काशीपुर की मां मनसा देवी माता की विशाल शोभायात्रा का आयोजन होता चला आ रहा है। वैसे तो इस शोभायात्रा का इतिहास सैकड़ो वर्ष पुराना रहा है। उस वक़्त मां की प्रतिमा शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि को एक टोकरी में सिर पर रखकर और बाद में ठेले पर रखकर ले जाई जाती थी। धीरे धीरे यह स्वरूप समय के साथ आधुनिकता का रूप लेता गया। बीते काफी वर्षों से इस शोभायात्रा में स्वचालित झांकियों का बेड़े के साथ साल दर साल स्वरूप बढ़ता गया। इस वर्ष आधुनिकता वाली शोभायात्रा के 52वीं शोभायात्रा का आयोजन किया गया। इस शोभायात्रा में मुख्य अतिथि के तौर पर श्री हनुमानगढ़ी मंदिर अयोध्या से आए श्री महन्त राजू दास ने शिरकत की। वहीं शोभायात्रा से पूर्व मुख्य पूजा प्रातः 7:00 बजे से आरंभ हुई, जिसके यजमान श्रीमती राजप्रीत मेहरोत्रा एवं अरुण मेहरोत्रा (शिवाय इंटरप्राइजेज), श्रीमती ममता यादव एवं देवेन्द्र यादव (यादव बिस्कुट बेकरी) रहे।
शोभायात्रा से पूर्व मन्दिर में किया गया हवन
वहीं,दोपहर साढ़े 12 बजे श्री गणेश पूजन श्रीमति ममता मेहरोत्रा एवं राम मेहरोत्रा (पीसीयू चैयरमेन, उत्तराखण्ड) तथा श्रीमति दीप्ति अग्रवाल एवं सौरभ अग्रवाल (नव्या कंस्ट्रक्शन प्रा. लि.) द्वारा किया गया। उसके बाद दोपहर 1:00 बजे मूर्ति पूजन श्रीमती पूजा पाल एवं रवि पाल (प्रदेश महामंत्री, भाजयुमो उत्तराखंड) और श्रीमती सुरभि चौहान एवं ठाकुर अजय प्रताप सिंह (पूर्व भाजपा विधायक प्रत्याशी, ठाकुरद्वारा) द्वारा किया गया। दोपहर 2:00 बजे हिमांशु अरोड़ा एवं श्री दुर्गा अनाज मंडी काशीपुर के समस्त सदस्य मां की ज्योति प्रज्वलित की गई। सायंकाल 4 बजे माता का डोला पूजन मुख्य अतिथि श्री महंत राजू दास जी (श्री हनुमान गढ़ी मंदिर अयोध्या, उत्तर प्रदेश) द्वारा किया गया। जिसके बाद शोभायात्रा का संचालन शुरू हुआ। मोहल्ला लाहौरिया स्थित मां मनसा देवी मंदिर से शुरू हुई शोभायात्रा से पूर्व मंदिर में हवन किया गया। जिसके बाद जोत प्रज्वलित एवं डोला पूजन के बाद 10 किलोमीटर के दायरे में होकर मध्य रात्रि में वापस मनसा देवी मंदिर पहुंचकर समाप्त होगी।
इस शोभायात्रा में निकाली गई ये झांकियां
बता दें कि इस शोभायात्रा में शंकर जी की झांकी, शिव परिवार, पंचमुखी हनुमान, दुर्गा माँ, जागेश्वर का छोलिया नृत्य, खाटू श्याम बाबा, राम दरबार, शेषनाग कृष्ण, काली माँ की झांकी, गरुण विष्णु, राम लखन जानकी माता, कृष्ण-गणेश जी के साथ साथ दादा परशुराम की झांकी, शंकर जी की झांकी, शिव बारात नंदी सहित, दुर्गा मां की झांकी, महाकाल बाबा की झांकी पर्यावरण की झांकी, नारी शक्ति की झांकी, रामलला, महाकाल बाबा का डमरू ढोल, राम बारात अखाड़ा, अघोरी शंकर भगवान की झांकी, लक्ष्मी माता की झांकी, राधा कृष्ण का नृत्य, संतोषी माता की झांकी, अयोध्या के रामलला की झांकी, बालाजी महाराज का डोला, शेरावाली माता की झांकी, राम शिवगंगा नृत्य, राम दरबार, हनुमान जी की झांकी, राधा कृष्ण जी की झांकी, चंद्रयान की झांकी, शिवजी का नृत्य, लड्डू गोपाल, हरिद्वार से आए हाथी, नरसिंह भगवान की झांकी, पंचमुखी हनुमान जी की झांकी और शोभयात्रा के संस्थापक रमेश चन्द्र शर्मा खुट्टू गुरु जी का डोला और मैया का डोला आदि शामिल रहे।
यूपी से काली का अखाड़ा रहा आकर्षण का केंद्र
वहीं इस वर्ष शोभायात्रा में हरियाणा, दिल्ली, बरेली, बिजनौर, सहारनपुर, चंडीगढ़, पानीपत, बहजोई, चंदौसी, मुरादाबाद, एटा, इटावा आदि विभिन्न प्रमुख शहरों से आई झांकियों के साथ ही काशीपुर के कलाकारों द्वारा बनाई गई स्वचलित/हस्त निर्मित झांकियां श्रृद्धालुओं के आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहीं। शोभायात्रा मोहल्ला लाहौरियान स्थित मां मनसा देवी मंदिर से शुरू होकर गंगेबाबा चौक, मोहल्ला किला, मुख्य बाजार, महाराणा प्रताप चौक, चीमा चौराहा, माता मंदिर रोड, रतन सिनेमा रोड, मुंशीराम चौराहा होते हुए वापस मनसा देवी मंदिर में पहुंचकर समाप्त हुई। इसके अलावा यूपी के सम्भल से आया काली का अखाड़ा आकर्षण का केंद्र रहा।