उत्तराखंड में धामी सरकार का जीरो टॉलरेंस का मॉडल फेल, यशपाल आर्य का हमला
punjabkesari.in Saturday, Oct 28, 2023 - 03:00 PM (IST)

नैनीतालः उत्तराखंड के प्रतिपक्ष के नेता यशपाल आर्य ने उच्च न्यायालय की ओर से उद्यान घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के बहाने पुष्कर सिंह धामी सरकार पर हमला बोला है। साथ ही कहा कि जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार प्रदेश में विफल साबित हुई है।
आर्य ने आरोप लगाया कि न केवल अधिकारी बल्कि भाजपा के विधायक भी सवालों के घेरे में हैं। उन्होंने उद्यान घोटाले में रानीखेत के विधायक का नाम सामने आने पर नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग की है। आर्य ने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस की बात करती है लेकिन हकीकत यह है कि उच्च न्यायालय इस साल अभी तक तीन संदिग्ध मामलों को जांच के लिए सीबीआई के हवाले कर चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार की गंगा में सभी डुबकी लगा रहे हैं। उच्च न्यायालय भी उद्यान घोटाले में सरकार की भूमिका पर सवाल उठा चुका है। आरोप लगाया कि जांच एजेंसियां भी सरकार के दबाव में सही जांच नहीं कर पा रही हैं। उन्होंने उद्यान महकमे के पूर्व निदेशक हरमिंदर सिंह बवेजा की नियुक्ति पर भी सरकार को कठघरे में खड़ा किया और आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले में दोषी बवेजा को उद्यान महकमे का निदेशक बनाया गया।
प्रतिपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि शीतकालीन पौधों की आपूर्ति के नाम पर प्रदेश में बड़ा खेल हुआ है और पूर्व निदेशक बवेजा के इशारे में उत्तरकाशी की अनिका ट्रेडर्स नामक एक ऐसी फर्जी एजेंसी को पौधों की आपूर्ति की जिम्मेदारी दे दी गई, जिसके पास प्रदेश में कही जमीन मौजूद नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तरकाशी के जिलाधिकारी की जांच में आरोप सही पाए गए लेकिन उसके बावजूद सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव से पहले भी अंतरराष्ट्रीय सेमीनार के नाम पर आरोपी निदेशक ने अपनी पत्नी को उत्तराखंड आमंत्रित कर करोड़ों रुपए के वारे न्यारे किए। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद सरकार आरोपी को बचाती रही। जब मामला उच्च न्यायालय पहुंचा तो सरकार ने मामले को दबाने के लिए एसआईटी को जांच सौंप दी। उन्होंने कहा कि भाजपा का जीरो टॉलरेंस का मॉडल प्रदेश में फेल हो गया है। प्रदेश में सरकार और अधिकारी आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हैं।