Uttarakhand News...उत्तराखंड में जमीनों की रजिस्ट्री होगी पेपरलेस, लोग घर बैठे करा सकेंगे Registry
punjabkesari.in Tuesday, Feb 11, 2025 - 12:34 PM (IST)
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Uttarakhand Land Registration: उत्तराखंड में जमीनों की रजिस्ट्री की प्रक्रिया पहले से आसान होने जा रही है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार ने इस संबंध में एक योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। दरअसल, प्रदेश सरकार राज्य में जमीन की रजिस्ट्री को पेपरलेस करने जा रही है। साथ ही अब लोग घर बैठे ही रजिस्ट्री करा सकेंगे। वहीं, सरकार ने इस संबंध में सभी तैयारियां पूर्ण कर ली है। कैबिनेट से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद यह सुविधा प्राप्त हो सकेगी। यह जानकारी वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने दी।
"ऑनलाइन दस्तावेज रजिस्ट्रीकरण नियमावली 2025 का प्रस्ताव तैयार"
वित्त मंत्री ने कहा कि अभी तक प्रदेश में स्टाम्प एवं निबंधन विभाग के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन के उपरांत दस्तावेजों को स्कैन कॉपी के रूप में कार्यालय में संरक्षित रखने की व्यवस्था है।अब मूल लेख पत्रों को पक्षकारों को वापस किए जाने की व्यवस्था को तकनीकी रूप से बेहतर करने का निर्णय लिया गया था। चरणबद्ध तरीके से सुधार के लिए पूरी व्यवस्था को पेपरलेस किए जाने पर विचार किया जा रहा है। इसमें पेपरलेस रजिस्ट्रेशन, आधार प्रमाणीकरण, वर्चुअल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। इसके लिए उत्तराखंड ऑनलाइन दस्तावेज रजिस्ट्रीकरण नियमावली 2025 का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।
"ऑनलाइन माध्यम से कर सकेंगे रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान"
मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि इस व्यवस्था के लागू होने के बाद भी विलेखों में पंजीकरण के लिए पक्षकार अपने ही स्थान से लेखपत्रों को तैयार कर ऑनलाइन लिंक के जरिए प्रस्तुत कर सकेगा। स्टाम्प ड्यूटी एवं रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान भी ऑनलाइन माध्यम से कर सकेगा। पक्षकारों के पास यह सुविधा भी रहेगी कि सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में स्वयं उपस्थित होकर या फिर वीडियो केवाईसी के जरिए दस्तावेज सत्यापन कर सकेंगे।
"रजिस्ट्री प्रक्रिया में हो रहे फर्जीवाड़े पर लग सकेगा अंकुश"
वहीं, आगे वित्त मंत्री ने कहा कि इसके बाद संबंधित सब रजिस्ट्रार भी विलेखों में दिए गए तथ्यों का परीक्षण करने के बाद डिजिटल हस्ताक्षर के जरिए प्रक्रिया पूरा करेंगे और व्हाट्सएप या ईमेल के जरिए तत्काल पक्षकार को भेजेंगे। इस प्रक्रिया को आधार प्रमाणीकरण से भी इंटरलिंक किया जाएगा। ताकि जन सुविधा के साथ-साथ पारदर्शिता को बढ़ावा मिले। साथ ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके। इस व्यवस्था के लागू होने से रजिस्ट्री प्रक्रिया में हो रहे फर्जीवाड़े को भी रोका जा सकेगा।