पूर्व सैनिक का बेटा ही निकला कातिल, दोस्तों संग मिल बाप की हत्या की साजिश रची ; ये वजह आई सामने
punjabkesari.in Tuesday, Dec 02, 2025 - 08:23 AM (IST)
देहरादूनः उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के बहादराबाद क्षेत्र में दो दिन पहले वायुसेना के एक सेवानिवृत्त कर्मी की गोली मारकर हत्या करने के मामले में अहम खुलासा करते हुए पुलिस ने सोमवार को उसके बेटे समेत तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने बताया कि पिता की करोड़ों की संपत्ति अपने नाम करवाने के लिए यशपाल सिंह (21) ने अपने दो दोस्तों ललित मोहन उर्फ राजन और शेखर के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक हत्या के बाद यशपाल ने स्वयं पुलिस को फोन कर यह झूठी जानकारी दी कि उसके पिता भगवान सिंह की हत्या किसी अज्ञात युवक ने कर दी है। यशपाल ने शनिवार रात हरिद्वार पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचना दी कि वह पिता के साथ एक शादी में शामिल होने के लिए रोशनाबाद जा रहा था और रास्ते में ज्वालापुर के जटवाड़ा पुल पर एक युवक ने लिफ्ट मांगी। यशपाल ने कहा कि कार में बैठते ही उस युवक ने भगवान सिंह को गोली मार दी और कार रुकते ही फरार हो गया। पुलिस मौके पर पहुंची और यशपाल से पूछताछ की। वह अपने दोस्त की शादी के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाया, जिससे पुलिस को उस पर शक हुआ।
घंटों की पूछताछ के दौरान वह बार-बार बयान बदलता रहा, लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर उसने पूरा अपराध स्वीकार कर लिया और बताया कि अपने दोनों दोस्तों के साथ मिलकर पिता की हत्या की साजिश रची थी। उन्होंने बताया कि भगवान सिंह के पास करोड़ों की संपत्ति थी, लेकिन बेटे की गलत आदतों के कारण वह उससे नाराज रहते थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यशपाल लगातार संपत्ति अपने नाम कराने का दबाव बना रहा था। सिंह ने उसे संपत्ति से बेदखल करने की बात भी कही थी, जिससे नाराज होकर उसने पिता को रास्ते से हटाने का फैसला किया। दोस्तों को इस साजिश में शामिल करने के लिए उसके बदले में एक स्कॉर्पियो गाड़ी और 30 लाख रुपये देने का वादा किया गया था।
गौरतलब हो कि शनिवार रात करीब आठ बजे यशपाल पिता को शादी में ले जाने के बहाने ज्वालापुर–बहादराबाद नहर पटरी पर जटवाड़ा पुल से आगे ले गया। वहां उसने कार रुकवाई और खुद ड्राइविंग सीट पर बैठ गया। तभी ललित मोहन वहां पहुंचा, जिसे यशपाल ने दोस्त बताकर कार में बैठा लिया। कार में बैठते ही ललित ने अपने पास मौजूद 315 बोर तमंचे से भगवान सिंह की कनपटी पर दो गोलियां मारकर हत्या कर दी।
इसके बाद वह कार से उतरा, जहां शेखर इंतजार कर रहा था। दोनों मौके से फरार हो गए। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त 315 बोर का तमंचा, कारतूस, तथा वारदात के समय पहने गए जैकेट और जूते बरामद कर लिए हैं।
