चंपावत में बारिश का कहर, भूस्खलन से NH और 3 राज्य मार्ग समेत 14 सड़कें बंद; यात्री परेशान

punjabkesari.in Friday, Sep 13, 2024 - 03:41 PM (IST)

चंपावत: उत्तराखंड के चंपावत में लगातार हो रही तेज बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है। इस दौरान बारिश के कारण जिला मुख्यालय के ग्याली सिरान के कई घरों में सड़कों और गलियों का गंदा पानी घुसने लगा है। इसके चलते जिले के अधिकांश स्थानों पर भारी वर्षा से यातायात बुरी तरह प्रभावित हो गया है। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से तमाम यात्री चंपावत में फंसे हुए हैं। हालांकि प्रशासन द्वारा यात्रियों के लिए रेन बसेरे और भोजन की व्यवस्था की गई है।
 
 भूस्खलन से नेशनल हाईवे  समेत 14 सड़कें बंद
प्राप्त सूचना के मुताबिक चंपावत में बारिश ने तबाही मचा रखी है। इसमें जिले के स्वाला, संतोला, च्यूरानी आदि जगहों पर भारी भूस्खलन की वजह से टनकपुर-घाट एनएच पर आवाजाही प्रभावित रही। इसी के साथ भूस्खलन से एक एनएच, तीन राज्य मार्ग समेत 14 सड़कें बंद हो गई हैं। इस दौरान रास्ते में फंसने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं जिले के अधिकांश स्थानों पर रिमझिम वर्षा जारी रही। इसमें लगातार हो रही वर्षा की वजह से भूस्खलन व पहाड़ी दरकने के मामले सामने आ रहे हैं। इसी बीच टनकपुर-घाट एनएच पर संतोला, च्युरानी, स्वाला के पास बनी पहाड़ी पर भूस्खलन हो गया और लगातार वर्षा जारी रहने की वजह से सड़कों को खोलने में परेशानी हो रही है।

मौसम विभाग की चेतावनी के बाद जिला प्रशासन अलर्ट
मानसून काल के दृष्टिगत तथा समय-समय पर भारत मौसम विभाग द्वारा जिले में भारी वर्षा की चेतावनी के बाद जिला प्रशासन भी अलर्ट है। जिला मजिस्ट्रेट और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष नवनीत पांडेय ने जिले के अधिकारी व कर्मचारी ने बिना पूर्व अनुमति व बिना अवकाश स्वीकृति के मुख्यालय न छोड़ने के आदेश दिए हैं। फिलहाल आज भी बारहवीं तक के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने का आदेश हैं।

जिला प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की दी हिदायत
बता दें कि लगातार तेज वर्षा से नदी- नाले भी उफान पर बह रहे हैं। इसमें आस पास के क्षेत्रों में रह रहे लोगों की मुसीबतें भी बढ़ रही है। उधर पहाड़ों में लगातार वर्षा से शारदा नदी और बनबसा बैराज का जलस्तर बढ़ गया। है। जिला प्रशासन ने हिदायत दी है कि संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोग दिन के साथ-साथ रात को भी सतर्कता बरते और आवश्यक न हो तो पर्वतीय इलाकों में यात्रा करने से बचें।


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Content Editor

Vandana Khosla

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