उत्तराखंड में बारिश का कहर! भूस्खलन के कारण गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे बाधित, यात्रियों को भारी परेशानी
punjabkesari.in Wednesday, Sep 10, 2025 - 08:44 AM (IST)

देहरादूनः उत्तराखंड में मानसून के दौरान गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे भूस्खलन के कारण बाधित हैं। जिससे दोनों धामों में आने वाले श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार हो रही बारिश से दोनों धामों को जोड़ने वाले मार्ग जगह-जगह क्षतिग्रस्त हुई है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग तीन स्थानों पर बाधित है। जबकि गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग मे भी दो जगहों से लगातार सड़क पर मलबा आ रहा है। यमुनोत्री मार्ग सिलाई बैंड, जंगल चट्टी,नारद चट्टी पर बाधित है, गंगोत्री हाईवे भटवाड़ी से आगे डबरानी के निकट बाधित है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि इन रूटों के मार्ग सुचारू होने में 10 से 12 दिन का समय लग सकता है। उन्होंने कहा गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग खुला हुआ है, लेकिन मानसून की बारिश के कारण कई स्थानों पर संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो जा रहा है। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण यमुनोत्री रूट में खरसाली के आसपास काफी नुकसान पहुंचा है। इस मार्ग को दुरुस्त किए जाने का काम जारी है। उम्मीद है कि आगामी 10 से 12 दिनों में क्षतिग्रस्त मार्ग को दुरुस्त कर लिया जाएगा, ताकि निर्विघ्न रूप से यात्रा का संचालन हो सके।
उत्तराखंड को हर साल आपदाओं का सामना करना पड़ता है। जिसमें कई लोगों की जान चली जाती है। इस बार के मानसून सीजन मे भी उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों को भूस्खलन, बादल फटने की घटनाओं का का सामना करना पड़ा है। ऐसे में पहाड़ों में आ रही आपदाओं को लेकर राज्य सरकार शोध कार्यों की नीति पर विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इसको लेकर उन्होंने हमेशा नीति आयोग को कुछ सुझाव भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से हिमालयी क्षेत्रों के लिए शोध कार्य भी होने चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसे संस्थान जो इस क्षेत्र में शोध करते हैं, और जिनके पास विशेषज्ञताएं हैं। उन सभी का सहयोग लेकर हम इस दिशा में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि पहले की तुलना में हिमालयी राज्यों के लिए केंद्र सरकार ने अनुदान भी बढ़ाया है, साथ ही आपदा के मदों में भी परिवर्तन किया है।