उत्तराखंड में ओम पर्वत बर्फ विहीन होने से प्राकृतिक प्रेमी आहत... जानिए क्या कहते है पर्यावरण के जानकार

punjabkesari.in Thursday, Aug 29, 2024 - 09:29 AM (IST)

हरिद्वार: उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल पिथौरागढ़ क्षेत्र से कैलाश मानसरोवर जाने वाले रास्ते पर ओम पर्वत पड़ता है। दरअसल, यह ओम पर्वत हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों के लिए आस्था का प्रतीक है। वहीं कुछ दिनों पहले ओम पर्वत की एक तस्वीर सामने आई, जिसमें ओम पर्वत पर ओम दिखाई नहीं दे रहा है और पर्वत बर्फ़विहीन होने से काला पड़ गया है। इसी के चलते सनातन धर्म से जुड़े लोगों के साथ ही पर्यावरण के जानकार भी चिंतित नजर आ रहे हैं।

पर्यावरणविद बीडी जोशी ने जानकारी देते हुए कहा कि ओम पर्वत पर ओम न दिखाई देने का मुख्य कारण पर्वतीय क्षेत्रों में मनुष्यों की आवाजाही बढ़ने से है। उन्होंने कहा कि यदि इसी तरह से उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में आवाजाही बढ़ती गई। साथ ही पहाड़ों में विकास के नाम पर, तीर्थाटन के नाम पर और पर्यटन के नाम पर लोगों की भीड़ बढ़ती गई, तो प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता खत्म होने में देर नहीं लगेगी। जोशी ने बताया कि सड़कों का जाल पहाड़ों में अंधाधुंध तरीके से बिछाया जाता है। यदि ऐसे ही निर्माण कार्य बढ़ते रहे, सुरंगे बनती रही और पहाड़ों को तोड़ने के लिए विस्फोट होते रहे तो एक दिन हमेशा के लिए उत्तराखंड के पहाड़ ग्लेशियर विहीन हो जाएंगे और ओम पर्वत हमेशा के लिए गायब हो जाएगा।

बता दें कि पिथौरागढ़ जिले के धारचूला तहसील की व्यास घाटी में स्थित ओम पर्वत 5,900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। वहीं कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर स्थित नाभीढांग से ओम पर्वत के दर्शन होते हैं। यह  एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जहां पहाड़ी के ऊपर पड़ी बर्फ हिंदी में लिखे 'ऊं' की आकृति की दिखाई देती है। इसी कारण इस स्थान का नाम ओम पर्वत पड़ा।


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Nitika

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