राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को दी हरेला पर्व की शुभकामनाएं, पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को किया जागरूक

punjabkesari.in Tuesday, Jul 16, 2024 - 12:49 PM (IST)

बागेश्वर: उत्तराखंड में बहुत सारे लोक पर्व मनाए जाते हैं। उन्हीं में से एक पर्व है हरेला पर्व जिसे प्रकृति पर्व भी कहते हैं। हरेला पर्व को प्राकृतिक सुरक्षा का उत्सव माना जाता है। यह पर्व आज यानी 16 जुलाई को राज्य में मनाया जा रहा है। इसी बीच राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने प्रदेशवासियों को लोकपर्व ‘हरेला’ की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को समर्पित ‘हरेला’ पर्व उत्तराखंड की सांस्कृतिक परंपरा और प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन का पर्व है। उन्होंने कहा कि हरेला पर्व हमारी लोक संस्कृति, प्रकृति और पर्यावरण के साथ जुड़ाव का भी प्रतीक है।

गुरमीत सिंह ने कहा कि हरेला पर्व के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के संदेश के प्रति लोगों को जागरूक करना है। राज्य में इस पर्व का उद्देश्य पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार करना, उसकी रक्षा करना और उसे बनाए रखना है। अधिक जनसंख्या, ओजोन डिप्लेशन, ग्लोबल वार्मिंग से लेकर वनों की कटाई और प्रदूषण तक, ये मानव जाति के लिए गंभीर खतरा बन चुके हैं। ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक पौधा मां के नाम’ मुहिम का हिस्सा बनकर एक-एक पौधा अवश्य लगाएं।

राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में पर्यावरण असंतुलन जैसी समस्याएं दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। इसलिए अधिक से अधिक पौधे लगाकर पर्यावरण का संरक्षण करना होगा। उन्होंने यह भी कहा, कि हम सभी उत्तराखंड वासियों को प्रकृति संरक्षण और  संस्कृति के प्रति प्रेम भावना के साथ ही उत्सवों को मनाए जाने की परंपरा को बनाए रखना होगा। 


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Ramanjot

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