धामी ने महाप्रसाद बनाते हुए साझा की बचपन की यादें, कहा- उन्होंने छोटे होते में घर के कार्यों में खूब हाथ बंटाया
punjabkesari.in Monday, Jan 29, 2024 - 09:28 AM (IST)
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देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को 'शक्ति वंदन महोत्सव' के अंतर्गत रुद्रप्रयाग जिले में आयोजित ब्वै, ब्वारी, नौनी कौथिग के दौरान विभिन्न महिला समूहों के कार्यक्रमों में शिरकत की और स्थानीय संस्कृति से रूबरू हुए। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ धाम में एनआरएलएम के तहत काली माता स्वयं सहायता समूह और देवी धार स्वयं सहायता समूह के साथ महा प्रसाद बनाते हुए अपने बचपन की यादें उनसे साझा की।
धामी ने महाप्रसाद बनाते हुए कहा कि उन्होंने बचपन में घर के कार्यों में खूब हाथ बटाया है। बचपन में वह त्योहारों के समय अपनी माता जी के साथ स्थानीय पकवान बनाने में खूब सहयोग करते थे। वहीं सिलबट्टे पर कई बार अपनी माता जी के साथ मिलकर नमक भी पीसा है। आटा गूंथने से लेकर जंगल में घास काटने तक में उन्होंने हमेशा हाथ बंटाया। इस अवसर पर उन्होंने महिलाओं से सरकार की महाप्रसाद योजना से जुड़ने के बाद आजीविका में हुए बदलाव की जानकारी भी ली। रूरल बिजनेस इंक्यूबेटर की ओर से लगे स्टॉल पर शिल्पकार के उद्यमियों एवं स्वास्तिक स्वयं सहायता की महिलाओं के साथ मिलकर मुख्यमंत्री ने जहां स्टोन पेन्टिंग करते हुए उनकी संस्था की जानकारी ली। वहीं उन्नती क्लस्टर संगठन, कालीमठ कोटमा की महिलाओं के स्टॉल पर कताई एवं बुनाई की। संगठन की अध्यक्ष सरिता देवी ने मुख्यमंत्री को हाथकरघा की पूरी विधि बताते हुए अपने संगठन की जानकारी दी। उन्होंने समूह के उत्पादों की सराहना करते हुए केदारनाथ धाम और यात्रा मार्ग पर भी आउटलेट खोलने और पारंपरिक तरीके से बन रहे दोखे, शौल, टोपी आदि का खूब प्रचार करने को कहा।
उल्लेखनीय है कि केदारनाथ यात्रा से जुडे़ विभिन्न महिला समूहों ने पिछले वर्ष यात्रा के दौरान 70 लाख रुपए से ज्यादा का व्यापार किया था। अकेले चोलाई के प्रसाद से लगभग 65 लाख रुपए का व्यवसाय हुआ। इसके अलावा, स्थानीय हर्बल धूप, चूरमा, बेलपत्री, शहद, जूट एवं रेशम के बैग आदि से पांच लाख रुपए की कमाई महिलाओं द्वारा की गई है। विभिन्न महिला समूहों से जुड़ी 500 से ज्यादा महिलाओं को इससे रोजगार भी मिला। धामी सरकार के महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं के उत्थान को किए जा रहे प्रयासों को भी इससे बल मिला है। वहीं जिला प्रशासन, रुद्रप्रयाग ने अगली यात्रा में दो करोड़ रुपए का प्रसाद बेचने का लक्ष्य रखा है।