कुमाऊं में ट्रैफिक जाम से आमजन त्रस्त, हरीश रावत बोले-"बोया पेड़ बबूल का आम कहां से खाय": पूर्व मुख्यमंत्री ने BJP पर निशाना साधा
punjabkesari.in Saturday, Jun 14, 2025 - 04:10 PM (IST)

हल्द्वानी: कुमाऊं में कैंची धाम और अल्मोड़ा में क्वारब का जाम अब राजनीतिक रूप लेने लगा है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य सरकार पर कुमाऊं की आर्थिक व्यवस्था को चौपट करने का आरोप लगाया है। वहीं, केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री ने कहा कैंची में जाम नहीं बल्कि पर्यटकों का अत्यधिक दबाव है।
आपको बतातें चलें कि कैंची धाम में जाम की समस्या पर सीएम धामी ख़ुद अधिकारियों से फीड बैक ले रहे हैं। दरअसल, 15 जून को कैंची धाम स्थापना दिवस है। ऐसे में धाम को जाम मुक्त कराना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। लेकिन, अब कैंची धाम में लगने वाले जाम के ऊपर उत्तराखंड में सियासत गरमाने लगी है। सीएम धामी जाम की खुद मॉनिटरिंग करने लगे है। वहीं, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा पर निशाना साधा है। कहा- "बोया पेड़ बबूल का आम कहां से खाय" यानी कुमायूं के लोगों ने भाजपा (BJP) को खुद सत्ता सौंपी है। जिसका प्रसाद उनको जाम के रूप में मिल रहा है। हरीश रावत ने कहा धामी सरकार के अविवेकशील निर्णय का खामियाज़ा पूरा उत्तराखंड भुगत रहा है।
अब सवाल कैंची धाम और उसके आस पास रोज़ाना लगने वाले जाम का है। इस पर केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा का कहना है कि कैंची धाम में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। जिससे जाम जैसे हालात पैदा हो रहे हैं, जाम की समस्या से निजात पाने के लिए कैंची धाम में नए बायपास का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन, फिलहाल का क्या समाधान है इसका कोई प्लान नहीं है।
कुमाऊं में जाम की स्थिति से तीन जिलों बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ का पर्यटन तो चौपट हो ही रहा है। साथ ही आर्थिक व्यवस्था भी लगातार चौपट होती नजर आ रही है। सरकार के पास जाम को लेकर प्लान बहुत है। लेकिन, फिलहाल इसका कोई समाधान नहीं है। कुमाऊं में रोजाना लग रहे जाम का सीधा असर आम जनता की दिनचर्या, सीमांत क्षेत्र से आने वाले मरीजों और कुमाऊं की आर्थिकी पर साफ देखा जा सकता है।