"महिलाओं को मिले समान अधिकार", अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मुख्य सचिव का संदेश

punjabkesari.in Saturday, Mar 08, 2025 - 01:08 PM (IST)

देहरादूनः उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने शुक्रवार को सचिवालय कार्मिकों को संबोधित करते हुए कहा कि अंतररष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम महिलाओं को समानता का अधिकार देने का संकल्प लें। उन्होंने यह प्रतिज्ञा लेने का आह्वान किया कि यदि हम अपने आसपास, परिवार या समाज में कहीं भी महिलाओं के प्रति किसी प्रकार का भेदभाव देखे तो उसके खिलाफ आवाज उठाएंगे।

"महिलाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य सुधार के लिए करें विशेष प्रयास"

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि हमें महिलाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य सुधार के लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत है। इससे हम पूरे समाज और देश में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि  विकसित भारत, सशक्त और विकसित उत्तराखंड के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमें अपनी आधी आबादी को बराबरी का अधिकार देते हुए कार्यबल में शामिल करना होगा। उन्होंने कहा कि यदि हमे जीएसडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य जल्द पूरा करना है तो अधिक से अधिक महिलाओं को भी वर्क फोर्स से जोड़ना होगा। इस अवसर पर, मुख्य सचिव ने उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला कार्मिकों तथा होमगार्ड को सम्मानित किया। कार्यक्रम में सचिवालय के सभी अधिकारी तथा कर्मचारी मौजूद रहे।

जानिए क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को दुनियाभर में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य महिलाओं के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक योगदान को पहचानना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 20वीं शताब्दी से हुई, जहां साल 1908 में, न्यूयॉर्क में 15,000 महिलाओं ने अपने काम में सुधार, कम काम के घंटे और मतदान अधिकारों की मांग को लेकर एक बड़ा प्रदर्शन किया। इसके बाद, साल 1911 में पहली बार डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में महिला दिवस मनाया गया। इसके बाद साल 1975 में, यूएन ने आधिकारिक रूप से इसे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की घोषणा की, जिसके बाद से हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।


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Content Editor

Vandana Khosla

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