बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हिंसा: दिनेशपुर के लोग अपने रिश्तेदारों की कर रहे चिंता, सरकार से लगा रहे गुहार

punjabkesari.in Monday, Aug 12, 2024 - 09:59 AM (IST)

उधमसिंह नगर: बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हिंसा मामले में उत्तराखंड के जनपद उधम सिंह नगर के दिनेशपुर में रह रहे लोगों ने चिंता जताई है। दरअसल, दिनेशपुर के अधिकतम लोगों के रिश्तेदार बांग्लादेश में है। इस हिंसा के चलते यहां के लोगों ने अपने रिश्तेदारों की बांग्लादेश में सुरक्षा के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है। इसी बीच बांग्लादेश निवासी सुशांत साना 2 माह के लिए हिन्दुस्तान अपने रिश्तेदारों के घर आए थे लेकिन हिंसक माहौल को देखते हुए अब वह हिन्दुस्तान से नहीं जाना चाहते है। वहीं बांग्लादेश की हिंसा में फंसे अपने परिवार की चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद लगातार हो रही हिंसा
भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हो रही लगातार हिंसा, उपद्रव और आगजनी की घटनाओं के चलते वहां के हिंदुओं का घर से निकलना दूभर हो गया है। उधम सिंह नगर के दिनेशपुर क्षेत्र के अधिकतर लोगों के रिश्तेदार बांग्लादेश में है। साथ ही वहां हो रही हिंसा को देखते हुए रिश्तेदारों की सुरक्षा को लेकर खास चिंता कर रहे हैं। इस मामले में दिनेशपुर के निवर्तमान चेयरमैन हिमांशु ने बताया कि दिनेशपुर के लोग फोन के माध्यम से बांग्लादेश में रह रहे रिश्तेदारों का हाल लगातार जान रहे हैं और उनकी पीड़ा असहनीय है। उन्होंने बताया कि बहन बेटियों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। वहां के लोग घर में घुसकर जबरदस्ती पैसा मांग रहे हैं।

बांग्लादेशी पीड़ित PM मोदी से लगा रहे सुरक्षा की गुहार
वहीं चेयरमैन हिमांशु ने कहा कि मैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निवेदन करता हूं कि बांग्लादेशी पीड़ित हिंदुओं को भारत में आने की अनुमति दी जाए और यहां की नागरिकता दी जाए। देश की सीमा पर पीड़ित बांग्लादेशी आ रहे हैं और पीएम से गुहार लगा रहे हैं कि हमें बचा लो। क्योंकि वहां पर लोगों का अत्याचार, बेबस लोगों पर बेलगाम हो चुका है। बांग्लादेश में रह रहे भारतीयों के साथ बहुत ही घिनौनी हरकतें की जा रही है, इसे तुरंत बंद कर दिया जाना चाहिए। इतना ही नहीं फोन के माध्यम से यह भी पता लगा है कि वहां के लोग हिंदुओं के साथ-साथ अब मुसलमानों को भी मार रहे हैं, उनको भी नहीं छोड़ रहे हैं।

शेख हसीना का गृह क्षेत्र गोपालगंज जिला हुआ कम प्रभावित   
पूर्व विधायक प्रेमानंद महाजन ने बताया कि सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र ढाका के आसपास के जिलों में हुआ है जबकि शेख हसीना का गृह क्षेत्र गोपालगंज जिला कम प्रभावित हुआ है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर भारतीय जिला सातखिरा, खुलना, बरिसाल, गोपालगंज, जयसौर, फरीदपुर में रहते है। इन जिलों में हिंसा हुई है लेकिन बहुत ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि उनका जो टारगेट अवामी लीग के नेताओं का है और अगर परसेंटेज की बात करें तो 70 से 80 परसेंट नेताओं को खत्म कर दिया है। उन्हीं नेताओं को ढूंढ कर खत्म किया जा रहा है, हालांकि गेहूं के साथ घुन भी पिसता है उन नेताओं के साथ और लोग भी खत्म हुए होंगे, जिसके कारण लोग डरे और सहमे हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में मुस्लिम के बाद सबसे बड़ी आबादी हिंदू समुदाय की है, बाकी माइनॉरिटी में बौद्ध, ईसाई, परंतु हिट लिस्ट में हिंदू ही है। उन्होंने यह भी बताया कि वहां के कुछ लोग अच्छे भी हैं। कई वीडियो में मैंने देखा है कि कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग मंदिर की रक्षा कर रहे हैं, गांव की रक्षा कर रहे हैं और मजबूती के साथ इकट्ठे होकर पहरा दे रहे हैं। 

बांग्लादेश में रह रहे रिश्तेदारों की सता रही चिंता
इस मामले में एक व्यक्ति ने बताया कि दो माह पहले ही वे बांग्लादेश में अपने रिश्तेदारों को मिलने गया था लेकिन तब वहां की स्थिति बड़ी सामान्य थी। जब शेख हसीना के इस्तीफा के बाद तख्तापलट हुआ तो वहां हिंसा लगातार चरम सीमा पर है। हमें अपने रिश्तेदारों की बहुत चिंता सता रही है। हम सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि वहां के लोगों को हिंदुस्तान में आने की अनुमति दी जाए और यहां की नागरिकता दी जाए। इसी के साथ एक और व्यक्ति सुशांत साना पैगाछा थाना जिला खुलना बांग्लादेश निवासी 2 अगस्त 2024 को भारत वीजा पर आए थे। उनको अपनी रिश्तेदारी में दो माह रहना है लेकिन इसी बीच बांग्लादेश में हिंसा से उनकी चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि बांग्लादेश में सुशांत साना का पूरा परिवार रहता है और उनको डर है कि मेरे परिवार के साथ कुछ बुरा ना हो जाए। हालांकि दिनेशपुर में अपने रिश्तेदारों के साथ सुशांत साना रह रहे हैं और वह इस हिंसा के बीच बांग्लादेश नहीं जाना चाहते हैं। इसके अतिरिक्त सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि बांग्लादेशी हिंदुओं की भारत सरकार मदद करें।


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Content Writer

Nitika

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