चमोली में बड़े धूम धाम से मनाई गई वाल्मीकि जयंती, विभिन्न क्षेत्रों में निकाली गई शोभायात्रा;लोगों ने की पुष्प वर्षा
punjabkesari.in Friday, Oct 18, 2024 - 12:18 PM (IST)
चमोलीः महर्षि वाल्मीकि की जयंती को पूरे जनपद चमोली में बड़े ही धूम धाम से मनाया गया। इस शुभ अवसर पर वाल्मीकि समुदाय के लोगों द्वारा जिले के अलग अलग स्थानों में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। इसके चलते पूरे जनपद चमोली के लोगों में भारी उत्साह देखने को मिला।
वाल्मीकि मंदिर में विधि विधान से की गई पूजा अर्चना
जानकारी के अनुसार भारत चीन की सीमा पर स्थित नगर जोशीमठ में भी वाल्मीकि जयंती को बड़ी धूम धाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर नगर के गांधीनगर में स्थित महर्षि वाल्मीकि मंदिर में विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद शोभा यात्रा प्रारंभ की गई। इस दौरान शोभा यात्रा में शमिल युवाओं के द्वारा जगह जगह विविध प्रकार के दिखाए करतब लोगों में आकर्षण का केंद्र रहे। महर्षि वाल्मीकि की शोभायात्रा ने नगर में लगभग 6 किमी की दूरी तय की। यह शोभा यात्रा वाल्मीकि मंदिर से होते हुए नरसिंह मंदिर, सिंहधार, रोपवे तिराहे, अपर बाजार ,छावनी बाजार से गुजरने के बाद इसका समापन वाल्मीकि मंदिर में ही किया गया।
शोभा यात्रा में निकाली गई कई झांकियां
वहीं इस शोभा यात्रा में कई झांकी भी निकाली गई। इसमें महर्षि वाल्मीकि की कुटिया में माता सीता, लव कुश को महर्षि के साथ विराजमान दिखाया गया। इसी के साथ ही एक रथ पर भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान बैठे हुए भी दिखाए दिए। वहीं इस मौके पर बैंड बाजे और ढोल नगाड़ों की धुन पर अनेक प्रकार के कर्तबों को युवाओं ने दिखाकर लोगों को मंत्र मुग्ध किया। इसमें कृष्ण लीला, महाकाली शिव तांडव प्रमुख रहे।
जोशीमठ में शोभा यात्रा को लगभग 40 वर्ष पूरे
बता दें कि भारत तिब्बत की सीमा पर अंतिम नगर पालिका जोशीमठ में महर्षि वाल्मीकि की शोभा यात्रा 17 अक्टूबर 1984 को प्रारंभ हुई थी। तब से अभी तक यह शोभा यात्रा निरंतर वाल्मीकि समुदाय के लोगों द्वारा निकाली जा रही है। इस वर्ष शोभा यात्रा को लगभग 40 वर्ष पूरे हो गए हैं।