"उत्तराखंड की एकता को भंग करने के प्रयास करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे",‘पहाड़-मैदान'' मामले पर बोले सीएम धामी
punjabkesari.in Friday, Feb 28, 2025 - 09:18 AM (IST)
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देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘पहाड़-मैदान' को लेकर उपजे विवाद के बीच बृहस्पतिवार को सख्त लहजे में कहा कि उत्तराखंड की एकता को भंग करने के प्रयास करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। यहां एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा,'चाहे वह कोई भी हो, हमारे मंत्री हों, विधायक हों, सांसद हो, जनप्रतिनिधि हों या आम उत्तराखंड वासी ही क्यों न हों, सभी से कहना चाहूंगा कि उत्तराखंड की एकता के साथ खिलवाड़ करने वालों को हमारी सरकार बिल्कुल भी माफ नहीं करेगी।'
"उत्तराखंड की अस्मिता से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी"
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज के बाद इस प्रकार के भड़काऊ बयानों को गंभीरता से लिया जाएगा और उत्तराखंड की अस्मिता से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी । मुख्यमंत्री ने कहा कि आंदोलनकारियों ने उत्तराखंड निर्माण का सपना इसलिए देखा था कि उत्तराखंड के अंतिम छोर पर खड़े हुए व्यक्ति तक विकास पहुंचे और सभी उत्तराखंडवासी मिलजुल कर काम करें। उन्होंने जनता से आग्रह किया, ' किसी भी प्रकार के बहकावे में न आकर एक उत्तराखंड और एक उत्तराखंड की भावना से मिलकर कार्य करें ।'
मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान को लेकर पूरे प्रदेश में सियासी पारा गर्म
दरअसल, हाल ही में राज्य विधानसभा में बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट की उन्हें लेकर की गई टिप्पणी पर संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल आक्रोशित हो गए थे और उन्होंने कहा था कि ‘क्या हमने इसी दिन के लिए आंदोलन कर उत्तराखंड मांगा था कि पहाड़ी और देसी (मैदानी) को लेकर टिप्पणियां की जाएं' । इस दौरान उनके मुंह से एक अपशब्द भी निकल गया था । मंत्री के बयान को लेकर पूरे प्रदेश में सियासी पारा गर्म हो गया और कांग्रेस तथा कुछ अन्य संगठनों ने उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर निकाले जाने की मांग करते हुए उनके पुतले फूंके।
मंत्री ने अपने बयान के लिए खेद भी जताया
इसके बाद मंत्री ने अपने बयान के लिए खेद भी जताया। इसके बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और प्रदेश महामंत्री संगठन अजय कुमार ने भी अग्रवाल को तलब किया और उन्हें सार्वजनिक जीवन में संयम बरतने और उचित शब्दावली प्रयोग करने की कड़ी हिदायत दी। हालांकि, इस सबके बीच सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष और आम जन तक खासकर सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर लगातार बयानबाजी जारी है।