केंद्र ने उत्तराखंड को आपदा प्रबंधन के लिए 1480 करोड़ रुपए किए स्वीकृत , CM धामी ने पीएम एवं वित्त मंत्री का जताया आभार
punjabkesari.in Wednesday, Dec 18, 2024 - 01:18 PM (IST)
देहरादूनः उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग के अंतर्गत आपदा प्रबंधन को सुद्दढ़ किए जाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 1480 करोड़ रुपए की धनराशि विश्व बैंक सहायतित पांच वर्षीय (2024-2029) परियोजना ‘उत्तराखंड डिजास्टर प्रिपेयडर्नेस एण्ड रजिलियेन्ट परियोजना (यू-प्रिपेयर)' में स्वीकृत की गई है। इसके लिए सोमवार को नई दिल्ली में केंद्र और राज्य सरकार एवं विश्व बैंक के मध्य एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीएम एवं वित्त मंत्री का जताया आभार
आपदा प्रबंधन के लिए आवश्यक संसाधनों में वृद्धि किए जाने, लोगों को आपदा प्रबन्धन की द्दष्टि से बेहतर अवस्थापना सुविधाएं और आपदा के समय रिस्पांस टाइम को कम करने के उद्देश्य से यह परियोजना शुरू की जा रही है। इस समझौते पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के संयुक्त सचिव आलोक तिवारी उत्तराखंड सरकार की ओर से सचिव, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन तथा विश्व बैंक की ओर से अगेस्ते तानो कोआमे, कन्ट्री डायरेक्टर (भारत) द्वारा हस्ताक्षरित किया गया।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री तथा वित्त मंत्रालय को धन्यवाद दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि परियोजना की अवधि पांच वर्ष की है जिसका क्रियान्वयन वर्ष 2024 से 2029 तक किया जाना प्रस्तावित है। इसकी प्रस्तावित लागत रु. 1480 करोड़ है। जिसमें 80 प्रतिशत भारत सरकार का अंश एवं 20 प्रतिशत राज्यांश के रूप में वहन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यू-प्रिपेयर परियोजना आपदा प्रबंधन विभाग के अन्तर्गत संचालित की जा रही है।
इस परियोजना के तहत उत्तराखंड के सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का होगा विकास
परियोजना के प्रबंधन हेतु परियोजना प्रबंधन इकाई (पी.एम.यू.) का गठन किया गया है तथा परियोजना के क्रियान्वयन हेतु लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण निर्माण विभाग, वन विभाग एवं यू.एस.डी.एम.ए. के अन्तर्गत पी.आई.यू. का गठन किया गया है। उक्त परियोजना के क्रियान्वयन से उत्तराखंड राज्य के सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का विकास होगा। वहीं, दूसरी ओर आपदा के समय प्रतिवादन के स्तर में भी सुधार आएगा। सूत्रों ने बताया कि परियोजना के अन्तर्गत, राज्य में आपदा से क्षतिग्रस्त ग्रामीण स्कूल एवं अस्पतालों तक आवागमन सुलभ बनाने की उद्देश्य से लगभग 45 सेतुओं का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त, राज्य की मुख्य पर्वतीय क्षेत्रों की सड़कों पर निर्बाध रूप से यातायात सुलभ बनाने के लिए आठ स्थानों पर सड़क सुरक्षात्मक उपायों को भी परियोजना में सम्मिलित किया गया है, क्रियान्वयन लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा।
ग्रामीण निर्माण विभाग को मिली इन कामों की जिम्मेदारी
उन्होंने बताया कि इसके अन्तर्गत, वनाग्नि को नियंत्रित करने के उद्देश्य से वन विभाग को वनाग्नि शमन हेतु उपकरणों की आपूर्ति भी परियोजना के अन्तर्गत की जानी है। आपदा की स्थिति में जनता को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने हेतु 10 आपदा आश्रय गृहों का निर्माण, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा विभाग के अन्तर्गत 19 अग्निशमन केंद्रों का सुद्दढ़ीकरण, इसके अतिरिक्त अग्निशमन उपकरणों की आपूर्ति, राज्य की आपदा के समय प्रतिवादन क्षमता उच्चीकृत करने के उद्देश्य से राज्य आपदा प्रतिवादन बल हेतु एवं ट्रेनिंग सेंटरों का निर्माण प्रस्तावित है। इन कार्यों का क्रियान्वयन ग्रामीण निर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा, आपदा से सम्बन्धित पूर्व चेतावनी तंत्र एवं राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के उच्चीकरण का कार्य भी परियोजना के अन्तर्गत प्रस्तावित किया गया है। जिसका क्रियान्वयन राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा।