उत्तराखंड में पंचायत चुनाव स्थगित, HC का आदेश मिलने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने की घोषणा; जानें क्या है वजह

punjabkesari.in Wednesday, Jun 25, 2025 - 08:01 AM (IST)

देहरादूनः उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग ने मंगलवार शाम को एक अधिसूचना जारी कर उच्च न्यायालय द्वारा सोमवार को जारी स्थगन आदेश के अनुपालन में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से संबंधित नामांकन और अन्य कार्रवाई को स्थगित करने की घोषणा की है।

उत्तराखंड के राज्य चुनाव आयुक्त सुशील कुमार ने शनिवार को अधिसूचना जारी कर हरिद्वार को छोड़कर शेष 12 जिलों में दो चरणों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा की थी। पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान 10 जुलाई को होना था, जबकि दूसरे चरण का मतदान 15 जुलाई को होना था। मतगणना 19 जुलाई को होनी थी और नामांकन प्रक्रिया आगामी 25 जून से शुरू होकर 28 जून तक चलनी थी। राज्य चुनाव आयुक्त सुशील कुमार ने मंगलवार देर शाम को जारी अधिसूचना में कहा कि 25 जून से होने वाली सभी चुनाव संबंधी गतिविधियों जैसे नामांकन दाखिल करने आदि को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है।

यह निर्णय आरक्षण संबंधी अधिसूचना में अनियमितताओं के कारण पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने के हाईकोर्ट के निर्देश के बाद लिया गया है। न्यायालय ने सोमवार को जारी अपने आदेश में कहा था कि राज्य सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के लिए आरक्षण से संबंधित नियमों को विधिवत अधिसूचित नहीं किया है। कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत (सीटों और पदों का आरक्षण और आवंटन) नियम, 2025 को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित नहीं किया गया है। नतीजतन, उन नियमों के अनुसार की गई सभी कार्रवाइयां तब तक अमान्य मानी जाती हैं, जब तक कि मामले का पूरी तरह से निपटारा नहीं हो जाता।

अदालत के आदेश के बाद, राज्य चुनाव आयोग को अपने कानूनी सलाहकार और पंचायती राज विभाग के सचिव के पत्र के माध्यम से औपचारिक सूचना प्राप्त हुई, जिसमें उच्च न्यायालय के निर्णय और चुनाव प्रक्रिया पर इसके प्रभाव का हवाला दिया गया। आयोग ने हालांकि, यह भी कहा कि उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के आलोक में आरक्षण की स्थिति और सीटों के आवंटन की अस्पष्टता के चलते नामांकन प्रक्रिया या चुनाव-संबंधी गतिविधियों को आगे बढ़ाना अब संभव नहीं है। आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि अदालत से अगले निर्देश प्राप्त होने तक ऐसी सभी कार्रवाई रोकने का निर्णय लिया गया है। 


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Content Editor

Vandana Khosla

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