Haldwani: हल्द्वानी में मुनस्यारी धनई मिलन कार्यक्रम का आयोजन, शौका समुदाय ने बहन बेटियों को दिया खिचड़ी भोज
punjabkesari.in Monday, Feb 03, 2025 - 10:43 AM (IST)
हल्द्वानी: माघ के महीने में खिचड़ी भोज कराने की परंपरा सदियों पुरानी है। दरअसल, पिथौरागढ़ जिले के सीमांत इलाके मुनस्यारी का जोहार शौका समुदाय पिछले 19 सालों से धनई (बेटियों का) मिलन कार्यक्रम का आयोजन करता आ रहा है। इसमें सभी परिवार अपने घर में सभी विवाहित बेटियों को उनके मायके आमंत्रित करते हैं औऱ उसे खिचड़ी देते हैं। अब यह आयोजन व्यक्तिगत ना होकर सामूहिक होने लगा है।
आपको बता दें कि यहां प्रवास कर रहे जोहार शौका समुदाय के लोग अपनी संस्कृति को बचाए रखने और अपनी परम्परा को आगे बढ़ाने के लिहाज़ से धनई (बेटी) मिलन कार्यक्रम यानी खिचड़ी भोज का आयोजन करते हैं। असल मे धनई मिलन कार्यक्रम का मतलब होता है "विवाहित बेटी जो मायके आती है" उसे एक पंडित का दर्ज़ा दिया गया है। इसी परंपरा को कायम रखते हुए जोहार शौका समुदाय के लोगो ने खिचड़ी भोज का आयोजन किया। जिसमें करीब 200 से ज्यादा लोगो ने हिस्सा लिया। इस दौरान बेटियों को तिलक लगाकर उनका स्वागत किया जाता है। और बेटियों को खुशहाली का आशीर्वाद दिया जाता है।
वहीं, इस कार्यक्रम में सभी बेटियों को खाना खिलाया गया। साथ ही उन्हें उपहार भी दिए गए। इस मौके पर महिलाओं ने अपनी स्थानीय सांस्कृतिक धुनों पर नाच गाना भी किया। उनके मुताबिक यह एक अच्छा मौका है जब अपनों से मिलने का बहाना होता है और एक संदेश आने वाली पीढ़ी को जाता है की अपनी संस्कृति को जाने और आगे बढ़ाने का काम करें। पहले यह आयोजन हर घर मे होता था लेकिन जैसे जैसे जागरूकता आई तो पूरा समुदाय एकजुट होकर अपनी इस परंपरा को आगे बढ़ाने लगा।
हल्द्वानी में रह रहे प्रवासी पिछले करीब 19 सालों से खिचड़ी भोज कार्यक्रम कर रहे हैं। जिसमे हर बार करीब 400 से 500 लोग शामिल होते हैं। हकीकत तो यह है की जोहार संस्कृति को बचाने और आपस में मेलजोल बनाए रखने का यह एक बेमिसाल तरीका है। जहां एक साथ खिचड़ी खाना और नाच गाना किया जाता है। लिहाज़ा सदियों से चली आ रही इस परम्परा को थोड़ा नए रूप में संजोते हुए आगे ले जाने की कोशिश है की आने वाली पीढ़ी अपनी संस्कृति को समझे।