Uttarakhand: दून घाटी अब अत्यधिक संवेदनशील ‘जोन-6’ में शामिल, क्षेत्र में 31 फाल्ट सक्रिय; भूकंप का खतरा बढ़ा

punjabkesari.in Friday, Dec 12, 2025 - 01:51 PM (IST)

Uttarakhand: दून घाटी को भूकंप जोखिम के मामले में अब पहले से कहीं अधिक खतरनाक माना जा रहा है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के नए सिस्मिक हज़ार्ड मैप के अनुसार, यह क्षेत्र अब जोन-4 और जोन-5 में नहीं, बल्कि अत्यधिक संवेदनशील जोन-6 में शामिल किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि हिमालयन आर्क के तहत आने वाले दून क्षेत्र में किसी भी समय बड़ा भूकंप आ सकता है। 

हिमालयी क्षेत्र से गुजर रहे MBT और HFT फॉल्ट 

दून घाटी के नीचे से दो प्रमुख भू-वैज्ञानिक फॉल्ट लाइनें- मेन बाउंड्री थ्रस्ट (MBT), हिमालयन फ्रंटल थ्रस्ट (HFT) गुजरती हैं। वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आर.जे. पेरुमल के अध्ययन में यह भी स्पष्ट हुआ है कि इसके अलावा दून के विभिन्न क्षेत्रों से 29 छोटे-बड़े सक्रिय फॉल्ट भी मौजूद हैं। इनकी आयु 15 हजार से लेकर 5 लाख वर्ष तक है। 

मसूरी–देहरादून विकास प्राधिकरण (MDDA) ने भूकंप जोखिम को देखते हुए GIS आधारित मास्टर प्लान 2041 में फॉल्ट लाइन को केंद्र में रखा है। यह देश का संभवतः पहला मास्टर प्लान होगा जिसमें फॉल्ट लाइन आधारित ज़ोनिंग की गई है। 

निर्माण को लेकर कड़े नियम

  • फॉल्ट लाइन के दोनों ओर 50 मीटर तक निर्माण पूरी तरह प्रतिबंधित
  • पूरे क्षेत्र में अतिरिक्त सतर्कता और संवेदनशीलता बरती जाए

दून के 25 प्रमुख क्षेत्र फॉल्ट लाइनों से प्रभावित

फॉल्ट लाइनों से प्रभावित या करीब स्थित प्रमुख क्षेत्रों में शामिल हैं:
भैंसवाड़ गांव, सरखेत, तिमली मान सिंह, नाथुआवाला, काला गांव, दुगल गांव, राजपुर, तरला नागल, डांडा धोरण, चकतुनवाला, भंडार गांव, सिडकुल IT पार्क, आमवाला, मोहकमपुर, पुरकुल, सलान गांव, धर्मपुर, केदारपुर, गुजराड़ा मान सिंह, अंबीवाला आदि। 

भूकंप जोखिम बढ़ा, लेकिन मास्टर प्लान लागू करना बड़ी चुनौती 

विशेषज्ञों का कहना है कि दून घाटी की भौगोलिक संरचना और सक्रिय फॉल्ट लाइनों के कारण यहां कभी भी बड़े भूकंप की संभावना बनी रहती है। ऐसे में मास्टर प्लान 2041 को लागू करना बेहद आवश्यक है, लेकिन मौजूदा निर्माण और जनसंख्या दबाव के कारण यह एक बड़ी चुनौती भी है।


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Ramanjot

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