राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में इतिहास विभाग द्वारा ‘भारत विमर्श’ के अंतर्गत संगोष्ठी का आयोजन

Tuesday, Mar 05, 2024 - 12:11 PM (IST)

रुद्रप्रयागः राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि के इतिहास विभाग के विभागीय परिषद द्वारा ‘भारत विमर्श’ श्रृंखला के अन्तर्गत एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी के अंतर्गत इतिहास विभाग के सभी छात्र छात्राओं ने ‘1857 के महासंग्राम के नायक-नायिकाएं’ एवं ‘सिंधु घाटी सभ्यता की उत्तरजीविता’ पर अपने विचार प्रकट किए।



कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य महोदय डॉ. दलीप बिष्ट की शुभकामनाओं और उत्साहवर्धन के साथ हुआ और उन्होंने इतिहास पर इस तरह की संगोष्ठियों की आयोजन किए जाने के प्रयासों को सराहनीय बताया। इतिहास विभाग की प्रभारी दीप्ति राणा ने कहा कि इतिहास के प्रति प्रेरणा राष्ट्र निर्माण का एक आवश्यक तत्व है और किसी भी देश का स्वरुप बिना उसके इतिहास के निर्धारित नहीं हो सकता। उन्होंने छात्र छात्राओं से कहा कि इतिहास के छात्रों के ऊपर यह नैतिक भार है कि वे अपने देश के इतिहास पर विचार विमर्श करें और आम जनमानस में इतिहास के प्रति सही विचार को पनपने में सहयोग करें। इतिहास भारतीय ज्ञान परंपरा का अभिन्न हिस्सा है, जिस पर हमें लगातार विमर्श करते रहना चाहिए।



वहीं इस अवसर पर डॉ. ममता शर्मा, डॉ. निधि छाबड़ा, डॉ. ममता भट्ट एवम् डॉ. मनीषा सिंह ने छात्र छात्राओं के श्रेष्ठ विचारों को चयनित कर उन्हें पुरस्कार प्रदान किए। पल्लवी पुरोहित, ईशा और दिया को उनके प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर इतिहास विभाग के गौरव, मानसी, मोनिका, मनीषा, हरीश, यशवीर, खुशी, अंजलि, अश्मित, स्वाति आदि विद्यार्थी उपस्थित रहे।

Nitika

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