कोविड महामारी: हरिद्वार के तत्कालीन CMO तलब, पूछा- क्यों न उन पर भारी अर्थदंड लगाया जाए

Friday, Mar 08, 2024 - 02:09 PM (IST)

 

नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कोविड महामारी के दौरान सामने आए एक प्रकरण में सख्त रूख अख्तियार करते हुए हरिद्वार के तत्कालीन मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) को मंगलवार को अदालत में पेश होने के निर्देश दिए हैं।

अदालत ने सीएमओ से पूछा है कि क्यों न उन पर भारी अर्थदंड लगाया जाए। इस मामले को तेजल इंजीनियरिंग प्राइवेट लि. कंपनी की ओर से चुनौती दी गई है। साथ ही प्रकरण की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कोविड-19 महामारी के दौरान हरिद्वार के तत्कालीन सीएमओ की ओर से वर्ष 2021 में बाबा बर्फानी अस्पताल में लिफ्ट की आपूर्ति और स्थापित करने के लिए उनकी कंपनी को कार्यादेश (वर्क आर्डर) जारी किया गया। जब उसने लिफ्ट की आपूर्ति कर दी तो सीएमओ कार्यालय ने वर्क आर्डर निरस्त कर दिया। इसके पश्चात सीएमओ ऑफिस ने अगस्त, 2022 में कुंभ मेला अस्पताल में लिफ्ट लगाने के पुन: आदेश जारी कर दिए।

वहीं कंपनी की ओर से जब कुंभ मेला अस्पताल में लिफ्ट लगाने के लिए सहमति दे दी तो नवम्बर, 2022 में सीएमओ कार्यालय ने फिर वर्क आर्डर निरस्त कर दिया। याचिकाकर्ता की ओर से निरस्तीकरण आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई। अदालत ने सुनवाई के दौरान सख्त टिप्पणी करते हुए तत्कालीन सीएमओ का अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश जारी कर दिए। साथ ही उनसे पूछा कि वह बताएं कि क्यों नहीं उन पर इस मामले में भारी जुर्माना लगाया जाए।

Nitika

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