रुद्रपुर... SIT ने सुलझाई डेरा प्रमुख की हत्या की गुत्थी, पुलिस ने 4 आरोपियों को किया गिरफ्तार

punjabkesari.in Friday, Apr 05, 2024 - 04:37 PM (IST)

 

रुद्रपुर/नैनीतालः उत्तराखंड के नानकमत्ता स्थित गुरुद्वारा के डेरा प्रमुख की हत्या की गुत्थी विशेष जांच दल (एसआइटी) ने सुलझा ली है। हत्या दस लाख की सुपारी देकर पेशेवर शूटरों से करवाई गई। पुलिस ने हत्या की साजिश में शामिल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

ऊधम सिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मंजूनाथ टीसी ने रुद्रपुर में इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि डेरा प्रमुख की हत्या गुरूुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब और तराई के अन्य गुरुद्वारों पर वर्चस्व कायम करने को लेकर की गई। उन्होंने बताया कि हत्या कुछ महत्वपूर्ण लोगों के कहने पर करवाई गई। उन्होंने हालांकि अभी इसका खुलासा नहीं किया है। इसके लिए दस लाख की सुपारी दी गई। पेशेवर शूटरों को पंजाब से बुलाया गया। जिन दो शूटरों को सुपारी दी गई वे पेशेवर अपराधी हैं और उनके खिलाफ विभिन्न प्रदेशों में संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं।

एसएसपी के अनुसार पूरी घटना को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया और इसके लिए लंबी योजना बनायी गई। इस साजिश में उप्र के शाहजहांपुर और पीलीभीत के दिलबाग सिंह, बलकार सिंह सतनाम सिंह, परगट सिंह और हरमिंदर सिंह उर्फ पिंदी को शामिल किया गया। इन आरोपियों ने दस लाख रुपए की सुपारी देकर पेशेवर शूटरों की व्यवस्था की। शूटरों को 1.60 लाख रुपए बतौर एडवांस दिया गया। मंजूनाथ के अनुसार दोनों शूटर सर्वजीत सिंह निवासी तरनतारन, पंजाब और अमरजीत उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा निवासी नगली फतेहगढ़, चूड़ियां रोड, थाना अमृतसर 14 फरवरी से इन आरोपियों के संपर्क में थे। साजिश को अंजाम देने से पहले दोनों शूटर पंजाब से शाहजहांपुर आए और दिलबाग सिंह और उसके साथियों ने तिलहर से दो नए मोबाइल सेट दिलाए। इसके बाद दोनों 19 मार्च को ऊधमसिह नगर के नानकमत्ता साहिब गुरूद्वारा पहुंच गए और गुरुद्वारा की सराय में एक कमरा किराये पर लेकर रहने लगे।

एसएसपी के अनुसार 27 मार्च तक दोनों शूटर पूरे गुरुद्वारा और वहां की गतिविधियों की रेकी करते रहे। इस बीच दोनों बाजपुर, किच्छा, रामपुर, बरेली और शाहजहांपुर भी गए। शूटरों ने इस साजिश को अंजाम देने से पहले गुरुद्वारा के एक कर्मचारी अमनदीप उर्फ काला निवासी बरा जगत, थाना अमरिया, जिला पीलीभीत को विश्वास में ले लिया और उसे इस साजिश में शामिल कर लिया। आरोप है कि वही डेरा प्रमुख की जानकारी देता रहा। घटना के दिन अमनदीप ने ही बाबा के संबंध में जानकारी दी। घटना के वक्त बाबा गुरुद्वारा के मुख्य गेट के पास कुर्सी पर बैठे थे। इसी दौरान दोनों गुरूद्वारा की सराय से आए और बाबा को राइफल से गोली मारकर फरार हो गए। यहां से दोनों शाहजहांपुर गए और सुपारी की बाकी रकम लेकर फरार हो गए। एसटीएफ सीसीटीवी और सर्विलांस की मदद से शूटरों के मददगार तक पहुंची। एसटीएफ ने शूटरों की मदद करने वाले गुरुद्वारा के कर्मचारी अमनदीप के साथ ही दिलबाग सिंह, हरविंदर उर्फ पिंदी निवासी रणधीर, थाना तिलहर, जिला शाहजहांपुर, बलकार सिंह निवासी ग्राम बांधे कंजा, थाना करेली, जिला पीलीभीत को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि दिलबाग सिंह ने शूटरों को भगाने में पूरी मदद की और हत्या में प्रयुक्त राइफल और के अलावा अन्य संसाधन मुहैया करवाए।

मंजूनाथ ने बताया कि प्रकरण की जांच जारी है। प्रकरण में अन्य आरोपियों के खिलाफ तत्थ जुटाए जा रहे हैं। अन्य आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि शूटरों को पकड़ने के लिए एसटीएफ की अगुवाई में 11 टीमें लगी हैं। डीआजी योगेन्द्र रावत ने घटना का खुलासा करने वाली एसटीएफ की टीम को 50 हजार रुपए का इनाम दिया है। यहां बता दें कि 28 मार्च को गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब के डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या कर दी गई थी। दो हत्यारे मोटर साइकिल से आए और उन्हें गोली मार दी थी। बाबा को निजी अस्पताल ले जाया गया लेकिन उन्होंने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। हत्यारों की पहचान सर्वजीत सिंह निवासी तरनतारन और अमरजीत उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा निवासी नगली फतेहगढ़, चूड़िया रोड, अमृतसर हाल निवासी सिहौरा, थाना बिलासपुर, जिला रामपुर, उप्र के रूप में हुई। सर्वजीत सिंह पर विभिन्न प्रदेशों में हत्या, अपहरण जैसे संगीन मामलों में एक दर्जन अभियोग पंजीकृत हैं जबकि अमरजीत के खिलाफ पांच मामले दर्ज हैं।


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Nitika

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